हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( Union Minister Prakash Javadekar ) ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को आधार नंबर लिंक करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब किसान 30 नवंबर तक अपना आधार नंबर स्कीम से जोड़ सकते हैं। दरअसल इससे पहले 1 अगस्त 2019 के बाद किश्त की रकम पाने के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया। लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है। आपको बता दें कि इस योजना के तहत हर साल किसान को तीन बार 2-2 हजार रुपये खेती-किसानी के लिए उनके खाते में दिए जाएंगे। इस योजना के तहत करीब 14 करोड़ किसानों को 87,00 करोड़ रुपये मिलेगा।
वहीं केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना के अलावा पीएम-किसान पेंशन योजना ( PM-Kisan Pension Scheme ) के लिए भी आधार अनिवार्य है। इस योजना के लिए देश भर में 17,84,341 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए देश भर में आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, असम और मेघालयइन के लिए ऐसा नहीं है। वहां के लिए विशेष छूट दी गई है। हालाकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजबीर सिंह के मुताबिक मार्च 2020 तक इन राज्यों के लोगों को भी आधार देना पड़ेगा।
क्या है पीएम किसान पेंशन योजना ( PM-Kisan Pension Scheme )
इस योजना में 18 से 40 साल तक के किसान शामिल हो सकते हैं। किसानों को उम्र के हिसाब से प्रति महीने 55 से लेकर 200 रुपये तक प्रीमियम देना होगा। जिसके बाद 60 साल की उम्र से 3000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। हालाकि अगर कोई किसान निर्धारित अवधि पुरा होने से पहले ही स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा। उसने स्कीम छोड़ने से पहले तक जो पैसे जमा किए होंगे उसे उस पर सेविंग अकाउंट के ब्याज का ब्याज मिल जाएगा।
इस योजना में 18 से 40 साल तक के किसान शामिल हो सकते हैं। किसानों को उम्र के हिसाब से प्रति महीने 55 से लेकर 200 रुपये तक प्रीमियम देना होगा। जिसके बाद 60 साल की उम्र से 3000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। हालाकि अगर कोई किसान निर्धारित अवधि पुरा होने से पहले ही स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा। उसने स्कीम छोड़ने से पहले तक जो पैसे जमा किए होंगे उसे उस पर सेविंग अकाउंट के ब्याज का ब्याज मिल जाएगा।