पुलिस ने मरे हुए शख्स को कर दिया जिंदा, देखकर परिवार वाले भी रह गए सन्न
पेड़ों के झुरमुट के पीछे दफन हो चुकी निठारी कांड की गवाह रही डी-5 कोठी को लोग आज डरावनी कोठी, प्रेतवाधित घर और खंडहर के नाम से पुकारते हैं। इस कोठी को मनिंदर सिंह पंधेर ने बनवाया था। लेकिन 29 दिसम्बर 2006 को आज से 12 साल पहले इस कोठी में छोटे-छोटे 19 बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या करने की बात उजागर हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कर्रवाई करते हुए मनिंदर सिंह पंधेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार करने के बाद इस कोठी को सील कर दिया था।
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सरकारी दस्तावेजों के अनुसार कोठी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2006 में सील कर दिया था। इसके बाद कुछ समय तक इस पर पुलिस की निगरानी रही, लेकिन फिर पुलिस का रवैया उदासीन हो गया और लोगों का कहना है कि ये अब चोरों, नशेड़ियों अड्डा बन गई है। मनिंदर सिंह पंधेर की पत्नी की शिकायत पर कोठी से सामान चोरी होने की एफआईआर दर्ज़ कराई गई। लेकिन पुलिस ने इस मामले को अब तक ठंडे बस्ते में डाल रखा है। इसके अलावा 2014 में यहां आग भी लगी थी तब यह बात चर्चा में आई थी कि कुछ नशेड़ी और ड्रग एडिक्ट लोगों ने कोठी के अंदर का सामान चोरी कर बेच दिया है। लेकिन इस मामले में अभी तक पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आज कोठी की ये दशा है कि यहां पर न सील है और ना ही कोई बेरीकेटिंग, जो था वो सब गायब हो चुका है। आसपास खेल रहे बच्चे आज भी इसे भुतिया कोठी मानते हैं और इससे दूर रहना ही पसंद करते हैं।