इस तरह के कई मामले में हैं। जिसमें भाजपा सरकार के ही विधायकों और नेताओं ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली और इस महामारी से निपटने में होने वाली असफलता पर सवाल खड़े किए। अस्पतालों में बेड की कमी हो या फिर सरकारी स्वास्थय अधिकारियों की अनदेखी, इन तमाम समस्याओं को लेकर हजारों शिकायतें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचीं। जिस पर समय समय पर सीएम योगी व सरकार के मंत्रियों द्वारा अधिकारियों को सख्त हिदायतें भी दी गई हैं। इतना ही नहीं, अधिकारियों को कई बार निर्देशित भी किया गया है कि वह जनप्रतिनिधियों से संवाद कर उनके बात सुनें।
बात करें सीतापुर सदर सीट से बीजेपी विधायक राकेश राठौर की तो उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर इस सरकार में ज्यादा कुछ बोला तो राजद्रोह लग जाएगा। वहीं केंद्रीय मंत्री और बरेली से बीजेपी सांसद संतोष गंगवार ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने कई तरह के सवाल उठाए थे। उन्होंने कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए उठाए गए कदमों में हो रही खामियों की बात बताते हुए कहा कि ना तो अधिकारी फोन उठाते हैं और सरकारी स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल से मरीजों को ‘रेफरल’ के लिए वापस भेजा जा रहा है। इसके साथ ही ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए इन सभी पेरशानियों से निजात दिलाने की बात कही थी।
उधर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के जसराना से विधायक रामगोपाल लोधी का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित थी जिनको भर्ती कराने के लिए उन्हें अस्पातल के बाहर घंटो तक इंतजार करना पड़ा था। कानपुर के सांसद सत्यदेव पिचौरी ने भी 6 मई को मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख कर कानपुर के हालातों से अवगत कराया था। जिसमें अस्पतालों में बेड की कमी के चलते लोगों को हो रही परेशानियों की बात की थी, जिस वजह से लोगों को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा था। सांसद की चिट्ठी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।
लखीमपुर खीरी में मोहम्मदी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर उनके क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी और मरीजों को हो रही परेशानियों के बारे में शिकायत की थी। मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने लखनई के दो सरकारी अस्पतालों की खराब स्थिति के बारे में चिट्ठी लिख कर अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों का इलाज ना करने की बात कहते हुए उन अस्पतालों पर जांच करने की मांग की थी।
झांसी जिले के चारों विधायकों ने चिट्ठी लिख कर जिले के गंभीर हालातों के बारे में बताते हुए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। संसाधनों की कमी की वजह से रोगियों को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा था जिस वजह से ना जाने कितने ही लोग अपनी जान गवां चुके थे। झांसी के बबीना से विधायक राजीव सिंह ने कहा था आरोप लगाया था कि जिला प्रशासन ने कुछ चुनिंदा नर्सिंग होम को फायदा पहुंचाने के पूरा स्वास्थय व्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया है। यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी आदित्यनाथ को एक चिच्छी लिखी थी जिसमें उन्होंने स्वास्थय अधिकारियों पर निशाना साधते हुए उनकी शिकायत की थी। वहीं गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर भी अधिकारियों पर समय समय पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं।