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Logix bankrupt : सुपरटेक के बाद अब लॉजिक्स बिल्डर दिवालिया घोषित, नोएडा अथॉरिटी का 500 करोड़ बकाया

locationनोएडाPublished: Mar 29, 2022 05:07:40 pm

Submitted by:

lokesh verma

Logix bankrupt : सुपरटेक (Supertech) के बाद एक और बड़े बिल्डर लॉजिक्स (Logix) को दिवालिया घोषित किया गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सुपरटेक की तरह लॉजिक्स में भी दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त कर दिया है। लॉजिक्स बिल्डर पर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) का करीब 500 करोड़ रुपये बकाया है।

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Logix bankrupt : दिल्ली एनसीआर के रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech) के बाद एनसीएलटी ने अब लॉजिक्स (Logix) बिल्डर को भी दिवालिया घोषित कर दिया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सुपरटेक की तरह लॉजिक्स में भी दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि लॉजिक्स ब्लॉसम जेस्ट आवासीय परियोजना के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही होने के कारण करीब 2700 होमबायर्स, जिनमें से लगभग 1000 लोगों को फ्लैट मिल चुके थे, अब उनकी मुश्किल बढ़ सकती है। बता दें कि नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) का लॉजिक्स बिल्डर पर करीब 500 करोड़ रुपये बकाया हैं। कोलियर्स इंटरनेशनल (इंडिया) प्रॉपर्टी सर्विसेज कंपनी ने लॉजिक्स बिल्डर के खिलाफ एससीएलटी का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद आईआरपी नियुक्त कर दिय गया है। अब बायर्स को 5 अप्रैल तक फाइनेंसियल क्रेडिटर्स फाइल करनी होगी।
ज्ञात हो कि लॉजिक्स बिल्डर कंपनी ने नोएडा के सेक्टर-143 में ब्लॉसम जेस्ट आवासीय परियोजना 2011 में लॉन्च किया था। इस परियोजना के तहत 14 टावरों में 3400 फ्लैट बनाए गए थे, जिनमें से 2718 बायर्स को बेचे गए हैं, अभी तक भी 9 टावर अधूरे हैं। इस तरह लॉजिक्स बिल्डर अपने इस प्रोजेक्टर को 11 साल में भी पूरा नहीं कर सका। अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाने वाले बायर्स अभी भी परेशान हैं। सुपरटेक को दिवालिया घोषित करने के बाद इसे भी दूसरी बड़ी कार्यवाही माना जा रहा है। इससे बायर्स को राहत मिली है तो वहीं अभी तक अपने प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पाने वाले अन्य बिल्डर के होश उड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में अन्य कई बिल्डर भी कार्यवाही की जद में आ सकते हैं।
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कानून में आम लोगों के हित और अधिकार का ख्याल

प्रॉपर्टी के जानकार का कहना है कि दिवालियापन कानून में आम लोगों के हित और अधिकार का ख्याल रखा गया है। ये कानून लेनदार और देनदार के बीच की समस्याओं को हल करने का एक प्रयास है। कंपनी के दिवालिया होने पर या प्रोजेक्ट पूरा न होने पर रकम वापसी की मांग की जा सकती है।
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कंपनी को दिवालिया घोषित करना ग्राहकों के लिहाज से अच्छा

मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम की हेड (कंटेंट और रिसर्च) जयश्री कुरुप के अनुसार, कंपनी को दिवालिया घोषित करना ग्राहकों के लिहाज से अच्छा है। यह सुनिश्चित करता है कि जिन ग्राहकों ने उस कंपनी में पैसे लगाए हैं, उन्हें वह वैल्यू मिलनी चाहिए।
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