ज्ञात हो कि लॉजिक्स बिल्डर कंपनी ने नोएडा के सेक्टर-143 में ब्लॉसम जेस्ट आवासीय परियोजना 2011 में लॉन्च किया था। इस परियोजना के तहत 14 टावरों में 3400 फ्लैट बनाए गए थे, जिनमें से 2718 बायर्स को बेचे गए हैं, अभी तक भी 9 टावर अधूरे हैं। इस तरह लॉजिक्स बिल्डर अपने इस प्रोजेक्टर को 11 साल में भी पूरा नहीं कर सका। अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाने वाले बायर्स अभी भी परेशान हैं। सुपरटेक को दिवालिया घोषित करने के बाद इसे भी दूसरी बड़ी कार्यवाही माना जा रहा है। इससे बायर्स को राहत मिली है तो वहीं अभी तक अपने प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पाने वाले अन्य बिल्डर के होश उड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में अन्य कई बिल्डर भी कार्यवाही की जद में आ सकते हैं।
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Supertech bankrupt : सुपरटेक को दिवालिया घोषित होने से लगा बड़ा झटका, फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कानून में आम लोगों के हित और अधिकार का ख्याल प्रॉपर्टी के जानकार का कहना है कि दिवालियापन कानून में आम लोगों के हित और अधिकार का ख्याल रखा गया है। ये कानून लेनदार और देनदार के बीच की समस्याओं को हल करने का एक प्रयास है। कंपनी के दिवालिया होने पर या प्रोजेक्ट पूरा न होने पर रकम वापसी की मांग की जा सकती है।
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इन 2 सरकारी बैंकों को बेचने जा रही केंद्र सरकार, तुरंत चेक करो Balance कंपनी को दिवालिया घोषित करना ग्राहकों के लिहाज से अच्छा मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम की हेड (कंटेंट और रिसर्च) जयश्री कुरुप के अनुसार, कंपनी को दिवालिया घोषित करना ग्राहकों के लिहाज से अच्छा है। यह सुनिश्चित करता है कि जिन ग्राहकों ने उस कंपनी में पैसे लगाए हैं, उन्हें वह वैल्यू मिलनी चाहिए।