मीडिया रिपोर्ट में भाजपा को 14 में से मिल रही इतनी सीट अगर यहां वेस्ट यूपी की 14 सीटों की बात की जाए तो 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा को कई सीटों का नुकसान हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 14 सीटों पर सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन को फायदा हो सकता है। वहीं भाजपा को कुछ सीटों का नुकसान होने की संभावना है।
देखें भाजपा को किस सीट पर हो सकता है नुकसान (कारण सहित) 1. गौतमबुद्धनगर : महेश शर्मा – भाजपा – शहरी वोटों पर पकड़ आैर ग्रामीण वोटों का ध्रुवीकरण 2. गाजियाबाद – जनरल वीके सिंह – भाजपा – गठबंधन में अंदरूनी कलह का फायदा
3. मेरठ-हापुड़ – हाजी याकूब कुरैशी – बसपा – मुस्लिम-दलित गठजोड़ का फायदा 4.बुलंदशहर – डाॅ. भोला सिंह – भाजपा – गठबंधन प्रत्याशी का बाहरी होना व मोदी फैक्टर 5.नगीना – गिरीश चंद – बसपा- तत्कालीन सांसद का विरोध आैर मुस्लिम-दलित गठजोड़ का फायदा
6.बिजनौर – मलूक नागर – बसपा – तत्कालीन कुंवर भारतेद्र का विरोध, दलित, मुस्लिम आैर गुर्जर वोट बैंक 7.संभल – डाॅ. शफिकुर्रहमान बर्क – सपा – मुस्लिम-दलित गठजोड़ का फायदा 8.अमरोहा- दानिश अली – बसपा- मुस्लिम-दलित गठजोड़ के वोट बैंक का फायदा
9.सहारनपुर – हाजी फजुलर्रहमान – बसपा – मुस्लिम-दलित-जाट गठजोड़ का फायदा 10.मुरादाबाद – डाॅ. एसटी हसन – सपा – मुस्लिम-दलित गठजोड़ का वोट बैंक 11.रामपुर – आजम खान – सपा – मुस्लिम-दलित गठजोड़ आैर मतदाताआें पर अच्छी पकड़ का फायदा
12.कैराना – तब्बसुम हसन – सपा- मुस्लिम-दलित-जाट गठजोड़ का फायदा 13.बागपत – सत्यपाल सिंह – भाजपा – मोदी फैक्टर आैर विकास कार्य का फायदा 14.मुजफ्फरनगर – अजित सिंह – रालोद – गन्ना बकाया आैर संजीव बालयान का विरोध, मुस्लिम-जाट-दलित गठजोड़
गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वेस्ट यूपी की इन सभी 14 सीटों में जीत दर्ज की थी। वहीं कैराना से जीतकर सांसद बने हुकुम सिंह के देहांत के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था। जिसमें रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज की थी। जानकारों की मानें तो वर्तमान में भाजपा को 14 सीटों में से महज 4 सीटें ही मिलती नजर आ रही हैं। हालांकि फाइल नतीजे 23 मई को ही पता लग सकेंगे।