दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसायटी में रहने वाले महिला (58) और उनके बेटे में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर उन्हें 13 मार्च को जिम्स में भर्ती किया गया था। इनकी जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक महिला को डायबिटीज और अस्थमा की बीमारी भी है। ऐसे मरीजों को रिकवर होने में समय लगता है। जिन्हें ठीक करके करीब 13 दिन बाद डिस्चार्ज करके घर भेज दिया है।
इन दवाईयों को देकर किया ठीक जिम्स के आइसोलेशन वार्ड के नोडल अधिकारी डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव ने जानकारी देते हु बताया कि 22 मार्च को दोनों मरीजों को भर्ती किया था। इनमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। महिला को डायबिटीज और अस्थमा की भी शिकायत है। ये दोनों काफी निराश नजर आ रहे थे। जिसके बाद इन्हें हमारी टीम ने अच्छे से हैंडल किया और इनकी हिम्मत बढ़ाई। रोज इन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार पोषण भरा खाना दिया गया। साथ ही दवाइयों में पैरासिटामॉल, क्लोरोक्वीन और टेमी फ्लू नियमित रूप से दिया गया।
डॉक्टरों की मेहनत से हुए ठीक- पीड़ित डिस्चार्ज होकर घर लौटे युवक ने बताया कि वह 9 मार्च को विदेश से लौटे तो उनमें किसी तरह के कोई कोरोना वायरस के लक्षण नहीं थे। लेकिन 12 और 13 मार्च को उन्हें हल्का-फुल्का बुखार आया। जिसके बाद वह अस्पताल पहुंचे और अपनी मम्मी को भी साथ ले गए। इस दौरान उनकी जांच की गई तो 22 मार्च को उसकी रिपोर्ट आई। जिसमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनका इलाज किया गया। डॉक्टरों की मेहनत का नतीजा है कि वह ठीक होकर अपने घर पहुंचे।
परिवार के और भी लोग हैं भर्ती स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उक्त मां-बेटे में कोरोना वायरस की पुष्टि के बाद इसी परिवार के चार और सदस्यों को भर्ती किया गया था। जिनमें भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। इनका इलाज क्वारंटाइन वार्ड में किया जा रहा है। जिम्स के आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. सौरभ श्रीवास्तव के अनुसार इन्हें भी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।