करोड़ों रुपये का लगा चुका है चूना दंपति की करतूत ऐसी है कि जिस मकान में किराये पर रहे, उसी को बेचने का सौदा कर लाखों रुपये वसूलकर फरार हो गए। पुलिस के अनुसार, आरोपी वर्ष 2016 में स्वरूप नगर दिल्ली के जिस मकान में किराये पर रहते थे, उसी के मालिक की कार चोरी कर ली थी। पुलिस के अनुसार, आरोपित अनुज श्रीवास्तव और रेखा डागर पिछले साल 5 जुलाई को सेक्टर-22 में देवदत्त शर्मा के मकान में किराये पर रहने आए थे। अनुज ने उस समय पिता की मौके का बहाना बनाकर परिवार के साथ रहने के लिए एक कमरा किराये पर लिया था। उनके साथ में बेटी और बेटा भी रह रहे थे। दो-तीन दिन में ही उन्होंने आसपास रहने वालों से उधार लेना शुरू कर दिया। हालांकि, शुरू में वह उसी शाम को उधार लौटा देता था। उसने पड़ोसियों को बताया कि वह इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के गोदाम में काम करता है। वहां से सस्ता सामान दिलवाने का झांसा देकर पहले 60 हजार रुपये का आईफोन 30 हजार रुपये में दे दिया। इसी तरह अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान भी आधी कीमत पर देने लगा। धीरे-धीरे ये आसपास के लोगों को घर पर पार्टी के बहाने बुलाकर घुलने-मिलने लगे।
लोगों से मेल-जोल बढ़ाने के लिए मनाते थे पार्टियां पड़ोसियों का भरोसा जीतने के लिए रेखा भी मेलजोल बढ़ाने के लिए घर में जन्मदिन और सालगिरह पार्टी करने लगी। आधी कीमत पर सामान लेने के चक्कर में पड़ोसियों ने करीब 25 लाख रुपये आरोपितों को दे दिए। इसके बाद 25 जनवरी को दोनों इलाहाबाद में मां की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर चंपत हो गए और फिर वापस नहीं लौटे। कई दिनों तक दोनों के नहीं लौटने पर पैसा देने वालों ने उनकी खोजबीन शुरू की। इसके बाद मकान मालिक ने उनके बारे में पता लगाना शुरू किया। खोजबीन के दौरान पता चला कि आरोपित पहले ग्रेटर नोएडा में पारसदीप नाम की एक सोसायटी में किराये पर रहते थे। यहां पर उन्होंने पड़ोसियों से आधी कीमत में इलेक्ट्रॉनिक सामान दिलवाने का झांसा देकर करीब 30 लाख रुपये की ठगी की। इन्होंने ऋषभ सिंह के उस फ्लैट का सौदा करके एक शख्स से दस लाख रुपये भी ऐंठ लिए, जिसमें वह किराये पर रह रहे थे। इस दौरान आरोपित एक कार को भी सोसायटी में छोड़ गए। जांच के दौरान पता चला कि यह कार उन्होंने दिल्ली स्वरूप नगर में पुराने मकान मालिक की चोरी कर ली थी।