नई दिल्ली/नोएडा। सेना के जवानों द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपनी परेशानियां सरेआम करने से सेना की साख पर आंच आयी है. यही कारण है कि एक अघोषित नियम के द्वारा अब सैनिकों के मोबाइल इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. यानी अब वे सोशल मीडिया का उपयोग नहीं कर पाएंगे.
खासकर उन पर यह प्रतिबन्ध उस समय लागू होगा जब कि वे अपनी सेवा के दौरान ड्यूटी पर होंगे. यानी अपनी ड्यूटी पर रहते हुए वे सेना के लिहाज से सेंसिटिव क्षेत्र में जाकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. लेकिन बाहर रहकर या अपने घर पर वे इसका बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं और वहां पर ऐसा कोई प्रतिबन्ध किसी भी सैनिक पर लागू नहीं होगा.
सेना के एक उच्च अधिकारी के अनुसार दरअसल यह एक अघोषित आदेश जैसा ही है. यानी कानूनन ऐसा कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन सामान्य आचरण के तहत सेना के लिहाज से सम्वेदनशील स्थानों पर जाते समय अब कोई भी जवान मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाएगा.
हनी ट्रैप से बचने के पहले भी हैं निर्देश
बता दें कि अक्सर एक देश की सेना दूसरे देश की सेना के उच्च अधिकारी को एक खूबसूरत महिला के प्रेम जाल में फंसाकर सेंसिटिव जानकारियां हासिल करने की कोशिश करती रहती हैं. सेना की भाषा में इसे ‘हनी ट्रैप’ कहा जाता है. सेना के इस अधिकारी ने बताया कि सेना के शीर्ष अधिकारियों को इस तरह के मामलों के बारे में समय-समय पर बताया जाता रहता है जिससे वे किसी खूबसूरत महिला जासूस के झूठे प्रेमजाल में न फंसें. यहां यह भी जानना जरुरी है कि पाकिस्तान ने कई बार इस तरीके का इस्तेमाल कर दिल्ली में ही कुछ अधिकारियों को हनी ट्रैप का शिकार बनाया है. लेकिन बाद में उन्हें इस तरह के मामले से दूर किया गया.
मौजूदा परिस्थिति उससे बिलकुल अलग होते हुए भी अत्यंत नजदीक है. दरअसल सैन्य अधिकारियों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल के साथ ही कई गोपनीय जानकारियां लीक होने का खतरा बना ही रहता है. इसलिए अघोषित रूप से यह आदेश दिया गया है जिससे कोई भी सेना का अधिकारी इस तरह की हरकत न करें जिससे देश की सुरक्षा को आंच आएं.