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उधर, इनमें उत्तर प्रदेश के कई जिले भी शामिल हैं। यही नहीं, यूपी में प्रदूषित शहरों में बुलंदशहर पहले पर जबकि मेरठ तीसरे स्थान पर रहा। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और भी खराब होने की आशंका है। जिसके चलते प्रशासन की भी टेंशन बढ़ गई है। वहीं अगामी दिवाली त्योहार को लेकर भी प्रदूषण तेजी से बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। यह भी पढ़ें
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दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की हवा की गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 379 दर्ज हुआ। वहीं ग्रेटर नोएडा 368 एक्यूआई के साथ दूसरे और 367 के साथ मेरठ तीसरे स्थान पर रहा। जबकि मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 363 दर्ज हुआ। बुलंदशहर देश के सर्वाधिक 29 प्रदूषित शहरों में पांचवें और मेरठ नौवें स्थान पर रहा। गौरतलब है कि एनसीआर में चल रहे तमाम सरकारी व गैर सरकारी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट भी प्रदूषण के मुख्य कारण बन रहे हैं। इस कड़ी में ईपीसीए द्वारा दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप सिस्टम भी लागू किया गया है। जिसके चलते सभी जिला प्रशासनों को सख्ती के साथ नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं डीजल जनरेटर चलाने पर भी इस दौरान रोक लगाई गई है। साथ ही जिन स्थानों पर कंस्ट्रक्शन का कार्य हो रहा है, वहां पर नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।