सालों तक हाल-चाल न पूछने पर भी मां ने नहीं कि बुरार्इ
पत्रिका संवाददाता ने जब यहां रह रहे बुजुर्गों से बात कि तो पता चला कि वह सालों से यहां रह रहे हैं, लेकिन उनका हाल चाल पूछना तो दूर उनके बच्चे फोन तक भी नहीं करते हैं। इसके बाद भी मां ने बच्चों के विषय में एक शब्द तो दूर उन्हें कुछ कहने पर भी रोक दिया। उन्होंने कहां कि कैसे भी हैं पर बच्चे तो हमारे हैं। उनकी जिंदगी है, अच्छे और खुश रहे।
त्यौहार मनाने के लिए नहीं आया फोन, पूछने पर आंखों में आया पानी
जब पत्रिका संवाददाता ने बुजुर्गों का दुख जानना चाहा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। आवाज भी थोड़ी दब गर्इ, लेकिन शब्दों में बच्चों के लिए वही ममता दिखार्इ दी। पूछताछ में पता चला कि वृद्धाश्रम में रहने वाले ज्यादातर बुजुर्ग महिलाओं के बच्चे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहते हैं। वह बड़े कारोबारी और एयरलाइंस व एमएनसी में काम करते हैं। इसके बावजूद उनसे कोर्इ मिलना तो दूर फोन पर भी बात नहीं करता।