प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक अभी तक बिल्डर को कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए प्राधिकरण कार्यालय पर प्लानिंग डिपोर्टमेंट में आवेदन करना पड़ता था और अपने सभी ड्यूज को क्लीयर करना पड़ता था। ड्यूज क्लीयर करने के बाद प्राधिकरण की ओर से बिल्डरों को कंप्लीशन जारी किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बिल्डर को कंप्लीशन के लिए चेक लिस्ट के आधार पर प्लानिंग डिपोर्टमेंट में कागजों को उपलब्ध कराना होगा।
बिल्डर चेक लिस्ट के हिसाब से जमा करेंगे एनओसी
बता दें कि बिल्डरों को पहले फायर विभाग व प्रदूषण विभाग सहित तमाम विभागों से अलग-अलग एनओसी लेनी होती थी, लेकिन अब बिल्डरों को सभी विभागों के एनओसी को चेक लिस्ट के हिसाब से प्राधिकरण के प्लानिंग डिपोर्टमेंट में जमा कराना होगा। इसके बाद जब कागजी प्रक्रिया पूर्ण रूप से पूरी हो जाएगी। तो, उसके बाद प्लानिंग डिपोर्टमेंट की ओर से बिल्डर को एक सूचना जारी की जाएगी कि वह अपने ड्यूज को यहां पर जमा करें। इससे पहले किसी भी प्रकार की सूचना भी प्राधिकरण की ओर से बिल्डर को नहीं दी जाती थी। अब उसके ऊपर प्राधिकरण की जितनी भी राशि बकाया है। उसके पूरे प्रोजेक्ट के टावरों की संख्या के आधार पर एक समान रूप से बांट दिया जाएगा। इसके बाद एक एक टावर के हिसाब से बिल्डर प्राधिकरण को राशि चुकाता जाएगा। उसे टावर के हिसाब से प्राधिकरण की ओर से कंप्लीशन जारी किया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर शाम अधिकारियों के साथ बैठक कर भवन नियमावली 2010 में संशोधन कर प्लानिंग डिपोर्टमेंट को आदेश जारी किया गया है। इसमें बायर्स- बिल्डर दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है। जिससे लोगों को आसानी से उनका आशियाना उपलब्ध कराया जा सकेगा।