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Supertech को बड़ा झटका, NCR के ‘सबसे’ बड़े ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए जारी हुई 293 करोड़ की RC

locationनोएडाPublished: Oct 23, 2019 07:08:41 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-Supertech Builder पर Noida Authority ने सख्ती शुरू कर दी है
-प्राधिकरण ने केपटाउन प्रोजेक्ट के लिए 293 करोड़ रुपये का Recovery Certificate जारी किया है
-वहीं बिल्डर ने इस कार्रवाई को गलत बताया है

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नोएडा। शहर के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवल्पर में शुमार सुपरटेक बिल्डर (Supertech Builder) पर नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने सख्ती शुरू कर दी है। इस कड़ी में प्राधिकरण ने सुपरटेक के सेक्टर-74 स्थित ग्रुप हाउसिंग लैंड संख्या-01 पर बन रहे केपटाउन प्रोजेक्ट (Capetown Project) के लिए 293 करोड़ रुपये का रिकवरी सर्टिफिकेट (Recovery Certificate) जारी किया है। आरसी के अनुसार बिल्डर ने जल्द ये पैसा नहीं चुकाया तो प्राधिकरण संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई कर सकती है। बीते वर्षों में प्राधिकरण की ओर से यह सबसे अधिक धनराशि की आरसी जारी की गई है।
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जानकारी के लिए बता दें कि दावा किया जा रहा है कि ये एनसीआर की सबसे बड़ा ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट है। इसमें स्कूल, अस्पताल समेत सभी मूलभूत सुविधाएं हैं। इस प्रोजेक्ट में करीब साढ़े सात हजार फ्लैट हैं जिसमें से करीब 4 हजार फ्लैटों का पजेशन लोगों को दिया जा चुका है। जिनमें करीब 20 हजार लोग रह रहे हैं।
प्राधिकरण ने कई बार भेजे नोटिस

नोएडा प्राधिकरण के नोडल अधिकारी सलिल यादव ने बताया कि सुपरटेक को प्राधिकरण द्वारा जीएच-01ए, सेक्टर-74 भूखंड आवंटित किया गया था। इस भूखंड का क्षेत्रफल 1 लाख 77 हजार 960 वर्ग मीटर है। इसके बकाए के लिए समय-समय पर प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन, बिल्डर की ओर से न तो पैसा जमा किया गया, न ही नोटिस का कोई जवाब दिया गया। जिसके बाद प्राधिकरण की सीईओ के निर्देश पर यूपी इंडस्ट्रीयल एरिया डेवलेपमेंट एक्ट 1976 की धारा-40 की उपधारा ए अथवा बी के तहत सुपरटेक बिल्डर को 2,93,15,20,150 रुपये की आरसी जारी की गई है।
बिल्डर बोला- कार्रवाई गलत

वहीं सुपरटेक के एमडी मोहित अरोड़ा का कहना है कि एनजीटी के आदेश के चलते प्रोजेक्ट का काम करीब दो साल बंद पड़ा रहा। लेकिन, प्राधिकरण ने इस समय का भी बकाया जोड़ दिया। जिसे माफ करने के लिए प्राधिकरण व सरकार से मांग की जा रही थी और हमें लगातार आश्वासन भी मिल रहा था। इसके अलावा प्रोजेक्ट को लेट करने के आरोप में भी पूरे प्रोजेक्ट पर चार्ज लगाया गया है, जबकि प्रोजेक्ट 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यह धनराशि गलत है।
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सोसायटी के निवासियों ने जताया रोष

वहीं सुपरटेक केपटाउन के निवासियों ने प्राधिकरण की कार्रवाई पर इकट्ठा होकर रोष जताया। सुपरटेक केपटाउन निवासी शैलेंद्र वर्णवाल ने बताया कि वे 3 साल से इस सोसाइटी में रह रहे हैं। सोसाइटी में 4000 फ्लैट में लोग शिफ्ट कर चुके हैं। जिन्होंने बिल्डर को सारा पेमेंट भी कर दिया और रजिस्ट्री भी करा ली है। प्राधिकरण वह रकम बिल्डर से ही निकालें, लेकिन किसी भी फ्लैट बायर्स या निवेशक के हित को नुकसान नहीं होना चाहिए।
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