नोएडा

बाइक बोट घोटाले में राजस्थान के विधायक सहित 58 पर एफआईआर

-विधायक ने कहा, फर्जीवाड़े से कोई लेना-देना नहीं-पांच लाख निवेशकों से 10000 करोड़ की ठगी का मामला

नोएडाNov 30, 2020 / 05:39 pm

Mahendra Pratap

बाइक बोट घोटाले में राजस्थान के विधायक सहित 58 पर एफआईआर

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नोएडा. नोएडा बाइक बोट घोटाले में जिला न्यायालय के आदेश के बाद 58 पर एफआईआर दर्ज की गयी है। इनमें राजस्थान के नदवई से विधायक जोगिंदर अवाना का भी नाम शामिल है। इसके पहले इस घोटाले में मामला दर्ज न किए जाने पर पीडि़तों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दादरी थाने में पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 58 आरोपियों में गौतमबुद्ध नगर, दिल्ली, गाजियाबाद, बुलंदशहर, लखनऊ सहित कई जिले और शहरों के लोग शामिल हैं। जांच में कई अन्य बड़े राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं के नाम उजागर हो सकते हैं।
अपर आयुक्त जोन (तृतीय) विशाल पांडे ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी विकास बालियान समेत सैकड़ों पीडि़तों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर न्याय की मांग की थी। आवेदन में पीडि़तों ने कहा था कि बाइक बोट कंपनी के संचालक संजय भाटी सहित कई लोगों ने उनसे बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर मोटी रकम ली, उक्त रकम को इन लोगों ने एक वर्ष में दोगुना करने का लालच दिया तथा करोड़ों की ठगी की। विशाल पांडे ने बताया कि, अदालत के आदेश पर दादरी में बीती रात यानि शनिवार को मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में राजस्थान के नंदबई से विधायक जोगिंदर सिंह अवाना, शायर नदीम फारूक सहित 58 लोगों का नाम हैं। बताया जाता है कि बाइक बोट घोटाले का मुख्य कर्ताधर्ता संजय भाटी विधायक योगेंद्र अवाना का नजदीकी है। विधायक योगेंद्र अवाना नोएडा के झुंडपुरा गांव के रहने वाले हैं।
632 पीडि़तों ने दर्ज करायी शिकायत

बाइक बोट घोटाले में लाखों लोगों से अरबों रुपए की ठगी की गई थी। पूर्व में बसपा में रहे जोगिंद्र अवाना राजस्थान में बसपा से विधायक थे पर अब फिर से कांग्रेस में हैं। घोटाले में इनका भी नाम है। हालांकि विधायक का कहना है कि उनका इस फर्जीवाड़े से कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में मुजफ्फरनगर निवासी विकास बालियान समेत 632 पीडि़त निवेशकों ने 58 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दी थी।
फर्जीवाड़े से मेरा कोई लेना देना नहीं:विधायक जोगिंदर अवाना

इस बीच विधायक जोगिंदर अवाना ने कहा कि, संजय भाटी, बहुजन समाज पार्टी का गौतमबुद्ध नगर लोकसभा प्रभारी रहा है, तब वह पार्टी के कार्यक्रमों में मेरे साथ शिरकत करता था। इसके अलावा बाइक बोट कंपनी या उसके फर्जीवाड़े से मेरा कोई लेना देना नहीं है। केस दर्ज के संबंध में भी मुझे कोई जानकारी नहीं है।
विधायक के खिलाफ केस दर्ज की जानकारी नहीं

एसपी ईओडब्ल्यू एसपी मेरठ राम सुरेश यादव का कहना है कि, केस की गहनता से जांच की जा रही है, कई नए आरोपियों के नाम सामने आए हैं। कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है। जांच में कई बड़ी और नई जानकारियां मिली हैं। अभी विधायक के खिलाफ केस दर्ज करने की जानकारी हमें नहीं मिली है। इसकी पड़ताल की जाएगी कि कौन विधायक है और कुछ और।
बाइक बोट घोटाला

केमिकल इंजीनियर संजय भाटी ने वर्ष 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड का गठन किया था। फरवरी, 2018 में बाइक बोट के नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। बाइक बोट घोटाले में कंपनी ने स्कीम शुरू की। इस स्कीम से जुडऩे वाले लोग 62,100 रुपए का निवेश करते थे। उसके एवज में कम्पनी हर माह 9,765 रुपए की कमाई का लालच देती थी। इसके अलावा इस स्कीम में अधिक से अधिक निवेश करवाने पर निवेशक को महंगी गाडिय़ां और महंगे तोहफे भी दिए जाते थे। जिसके लालच में फंस कर लोग खुद तो निवेश करते थे, अन्य लोगों का भी पैसा इस योजना में निवेश करा देते थे।
10,000 करोड़ रुपए की ठगी का मामला

उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, सहित देश के कई राज्यों से पांच लाख से अधिक निवेशकों ने इस कंपनी में पैसे लगाए थे। इस मामले में सिर्फ नोएडा में करीब 50 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि देश के विभिन्न जगहों पर 500 मामले दर्ज हो चुके हैं। जब कंपनी के मालिक संजय भाटी, सचिन भाटी, पवन भाटी, आदेश भाटी, राजेश भारद्वाज, करण पाल, दीप्ति बहल, विजयपाल कसाना आदि ने निवेशकों से हजारों करोड़ रुपए जुटाकर फरार हो गए। पूरे देश में करीब 2.25 लाख निवेशकों से करीब 10,000 करोड़ रुपए की ठगी करने का आरोप है। बाइक बोट घोटाले में सीबीआई की जांच से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को नोटिस भेजे थे।

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