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संजय गांधी और एनडी तिवारी की रही अहम भूमिका बता दें कि नोएडा की नींव विवादस्पद रहे आपातकाल में डाली गई थी। इतना ही नहीं, बताया जाता है कि नोएडा बनने में सबसे बड़ा योगदान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी और यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का है। जानकारों का कहना है कि संजय गांधी के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली से आदेश आया। जिस पर तत्काल उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम-1976 यूपी कैबिनेट ने बतौर आर्डिनेंस पास किया। इसके बाद ही नोएडा बसाने की कवायद शुरू हुई और आपातकाल हटने के बाद इस विधेयक को विधानसभा से पास करवाया गया। नोएडा को बसाने की पीछे मकसद दिल्ली में तेजी से बस रहे कारखानों को एक नई जगह देना था। कोविड काल में तमाम आयाम स्थापित किए पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से चल रहे कोविड काल में भी नोएडा प्राधिकरण ने तमाम चुनौतियों का सामने करते हुए तमाम आयाम स्थापित किए। प्राधिकरण ने लॉकडाउन में मजबूर लोगों तक मदद पहुंचाने का काम किया। इस दौरान प्राधिकरण ने पांच सामुदायिक किचन स्थापित करते हुए करीब 60 लाख फूड पैकेट लोगों तक पहुंचाए। इस दौरान पूरे शहर में सैनिटाइजेशन का कार्य भी तमाम मशीनों की सहायता से किया गया। लोगों को डॉक्टर ऑन कॉल की भी सुविधा समेत तमाम मदद पहुंचाई गईं।
6 नए सेक्टर हो रहे हैं विकसित प्राधिकरण शहर में 6 नए सेक्टर विकसित कर रहा है। इनमें सेक्टर-161, 162, 163, 164, 165 और 166 शामिल हैं। प्राधिकरण द्वारा इसके तहत कुल 218.12 हेक्टेयर भूमि विकसित की गई है। इन सेक्टरों को विकसित करने के लिए मोहियापुर गांव में 71.45 हेक्टयर, झट्टा गांव में 0.247 हेक्टेयर, दोस्तपुर मंगरौली में 6.6520 हेक्टेयर, नलगढ़ा में 44.1422 हेक्टेयर, शहदरा के 0.6773 हेक्टेयर भूमि लेकर लैंड बैंक के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा वर्ष 2017 से अब तक प्राधिकरण द्वारा तमाम प्रकार के भूखण्डों के आवंटन से शहर को 8,019 करोड़ रुपए का निवेश हासिल हुआ है। जिससे शहर का और भी विकास हो सकेगा।
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