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फर्जी दस्तावेज़ से क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाले सरगना समेत चार शातिर ठग गिरफ्तार

locationनोएडाPublished: Sep 19, 2020 10:59:47 am

Submitted by:

shivmani tyagi

फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाकर लगाते थे लाेगाें को चूना
अच्छे सिविल रिकार्ड वाले लाेग रहते थे निशाने पर

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नोएडा ( noida ) एसटीएफ नोएडा यूनिट ( Noida STF ) और थाना सैक्टर-20 (Noida Police ) पुलिस ने दस्तावेज़ को चुराकर क्रेडिट कार्ड बनाकर ठगी ( cyber crime ) करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है। गिरोह के मास्टर माइंड सहित चार आरोपियों को को सेक्टर-16ए फिल्म सिटी के पास से गिरफ्तार किया गया है।

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एडिशनल डीसीपी नोएडा ज़ोन रणविजय सिंह के अनुसार फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाकर ठगी करने धोखाधड़ी के कई मामले थाना सेक्टर 20 में दर्ज हैं। पकड़े गए आरोपियों की पहचान जितेंद्र गुलाटी उर्फ जतिन निवासी रोहिणी दिल्ली, कपूर सिंह दाहिया निवासी रोहिणी दिल्ली, त्रिलोक नाथ शर्मा निवासी रोहिणी दिल्ली और कुलदीप उर्फ करन निवासी जहांगीरपुरी दिल्ली के रूप में हुई है। आरोपी कई बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से करोड़ों रुपये ऐंठ चुके हैं। अब तक कितनी रकम आरोपियों ने ठगी है इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल, एसटीएफ ने आरोपियों के बैंक खाते में जमा 18.50 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं। एसटीएफ अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
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पकड़े गए आराेपियाें में जितेंद्र गुलाटी उर्फ जतिन गिरोह का सरगना है। जतिन पहले भी ठगी के मामले में दिल्ली से दो बार जेल जा चुका है। बैंक खाते फ्रीज करने के साथ-साथ इनकी निशानदेही पर पुलिस ने 6 लाख 23 हजार रुपए कैश, 44 ग्राम के सोने के 7 बिस्किट और 7.28 ग्राम के सोने के टाप्स, इसके अलावा 60 क्रेडिट कार्ड, 8-8 पैन और आधार कार्ड, 9 डेबिट कार्ड, 2 कार व अन्य जरूरी दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं।
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पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपी बताया कि, वह बैंक के अच्छे सिविल स्कोर वाले खाताधारकों को अपना निशाना बनाते थे। ये लोग इनके बैंक खाते के नाम पर फर्जी दस्तावेज़ के जरिए क्रेडिट कार्ड बनवा लेते थे। फिर खाता धारक के नाम पर रुपये निकालते थे, शॉपिंग भी करते थे। इन्होंने खुद को मुख्य कंपनी में कार्यरत दिखाकर 20 से ज्यादा कार्ड बनवाए थे। कार्ड सत्यापन के लिए इन्होंने गुरुग्राम करनाल, दिल्ली में किराए पर फ्लैट लिए थे। सत्यापन के लिए किराए पर लिए सत्यापन के समय आरोपी वहां उपस्थित हो जाते थे।
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