नोएडा। नोटबंदी का फायदा ठगों ने भी उठाना शुरु कर दिया है। ठग नोटबंदी पर घर बैठे लोगों को एक काॅल पर हजारों रुपये का चुना लगा रहे हैं। शनिवार को भी एक एेसा ही मामला सामने आया। जब ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी को काॅल कर खुद को बैंक अधिकारी बताकर खाते से ४८ हजार रुपये निकाल लिये। पीड़ित को इसका पता बैंक की आेर से मोबाइल पर आए मैसेज से लगा। पीड़ित अधिकारी ने इसकी शिकायत कोतवाली फेज तीन पुलिस आैर साइबर सेल को दी है। साइबर सेल टीम मामले की जांच में जुटी है।
बैंक से आई कॉल
मूलरूप से कानपुर निवासी अशोक कुमार श्रीवास्तव परिवार के साथ सेक्टर-76 में रहते हैं। वह इंडियन रेलवे से सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हैं। बीती 25 नवम्बर की शाम घर में बैठे थे। इसी दौरान उनके पास एक काॅल आया। काॅल करने वाले ने अशोक को अपना परिचय बैंक अधिकारी के रूप में दिया। ठग ने उन्हें बताया कि वह एसबीआई बैंक से बोल रहा है। साथ ही उन्हें जानकारी की दी कि आठ नवंबर से नोटबंदी के बाद से उनके खाते से कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है। इसबीच जिन बैंक ग्राहकों ने एटीएम से रुपये नहीं निकाले है। उनके एटीएम कार्ड बंद किये जा रहे है। एटीएम कार्ड बंद होने की बात सुनकर पीड़ित घबरा गये। इसी का फायदा उठाकर ठग ने फोन पर ही उन्हें ठग लिया।
दे दी सारी जानकारी
ठग ने रिटायर्ड अधिकारी को झांसे में ले लिया। उसने कहा कि एटीएम कार्ड चालू रखना चाहते हैं, तो उन्हें अपने कार्ड की जानकारी वेरीफिकेशन करानी होंगी। यह देने के लिए पीड़ित तैयार हो गये। ठग ने पीड़ित से एटीएम कार्ड से संबंधित पूरी जानकारी ले ली। यहां तक कि मोबाइल पर आने वाला ओटीपी नंबर भी जान लिया। इसके बाद रिटायर्ड अधिकारी के खाते से करीब 48 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन कर लिया।
मैसेज आने पर लगा ठगी का पता
बैंक अधिकारी बनकर बोल रहे ठग को जानकारी देने के कुछ मिनट बाद ही पीड़ित के मोबाइल पर मैसेज आया। तब उन्हें ४८ हजार रूपए ट्रांजेक्शन की जानकारी हुई। पीड़ित ने बैंक फोन कर तुरंत ही अपने कार्ड को ब्लॉक कराया। साथ ही इसकी शिकायत कोतवाली आैर साइबर सेल को दी।