यह भी पढ़ेंं: कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ी ऑक्सीजन देने वाले पेड़-पौधों की मांग, आसमान में पहुंचे दाम दरअसल, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विवि के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता बताते हैं कि मनुष्य के जीने के लिए पेड़ पौधे जरूरी हैं। ये ऑक्सीजन देते हैं और वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्सीइन का सेवन करते हैं। कई पेड़ ऐसे हैं जो बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन देता है। इसके अलावा इनमें औषधीय गुण भी हैं। ऐसे पेड़ भी हैं जो रात में भी ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। दरअसल, बरगद और नीम बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। साथ ही वातावरण तो तेजी से प्रदूषण मुक्त करने का काम करते हैं। पीपल का पेड़ न केवल रात में ऑक्सीजन देता है बल्कि अस्थमा, कब्ज, मधुमेह, और रक्त संबंधी विभिन्न समस्याओं जैसे रोगों का भी इलाज इसके जरिए किया जाता है। वहीं अर्जुन का पेड़ ऐसा है जो एंटीऑक्सिडेंट, रोगाणुओं से लड़ने में मदद मिलती है।
70 टन ऑक्सीजन बनाता है एक बांस विवि के सहायक प्रोफेसर डॉ नरेंद्र कुमार बताते हैं कि बांस वैसे तो मूल रूप से एक घास का पौधा है, लेकिन बांस एक पौधा है एक वर्ष में 70 टन से ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है। इतना ही नहीं, ये प्रति वर्ष प्रति 80 टन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर सकता है। बांस 120 वर्ष तक जीवित रहता है। बांस के एक समूह में पेड़ों के अन्य समूहों की तुलना में 35 फीसद ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ने की क्षमता होती है।
इन पौधों को भी घर में लगा सकते हैं उद्यान विशेषज्ञ बाली शरण चौधरी जानकारी देते हुए बताते हैं कि आज के समय में घरों में अधिक जगह नहीं होने के कारण लोग पेड़ पौधे नहीं लगा पाते। लेकिन ऐसे लोग स्नेक का पौधा है लगा सकते हैं। यह वातावरण को शुद्ध बनाने का काम करता है। इसके अलावा घरों में मनी प्लांट, पीस लिली, एलोवेरा, एरीका पाम, जरबेरा, रामा तुलसी व ऑरचिड आदि लगाए जा सकते हैं। ये सभी पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं और वातावरण को साफ करते हैं।