सेक्टर-21 ए स्थित स्पाइस सिनेमा में फिल्म देखने आई प्रियदर्शिनी ने बताया कि फिल्म में कोई ऐसे सीन तो दिखे नहीं जिसका विरोध किया जा रहा है। बल्कि फिल्म में राजपूत समाज के गौरव को इसमें दिखाया गया है कि कैसे वह महिलाओं का सम्मान करते हैं। मैं तो कहती हूं कि यह फिल्म एक बार करणी सेना वालों को भी देखनी चाहिए। लेकिन हां यह फिल्म और भी अच्छी हो सकती थी अगर इसमें से कुछ दृश्यों को हटाया नहीं गया होता।
वहीं यहां फिल्म देखने आए रंजीत कुमार ने बताया कि फिल्म अच्छी है, लेकिन संजय लीला भंसाली की अन्य फिल्मों के मुकाबले यह फिल्म फीकी है। इसकी स्टोरी और गाने भी कुछ ज्यादा प्रभावित नहीं लगे, लेकिन हां फिल्म में दीपिका और
शाहिद कपूर की एक्टिंग बहुत बेहतरीन है। फिल्म में कोई भी सीन या डायलॉग ऐसा नहीं है जिसे लेकर विरोध किया जा सके।
डीएलएफ मॉल सेक्टर-18 में फिल्म देखने आए दीपक ने बताया कि फिल्म का लंबे समय से इंतजार था और उत्सुकता थी इसे देखने की। आज इसलिए यहां आया और फिल्म मुझे बहुत अच्छी लगी है और मैं तो कहूंगा कि इस फिल्म को लोगों को देखना चाहिए। फिल्म में कई सीन इतने अच्छे से फिल्माए गए हैं कि वह किसी भी हॉलीवुड फिल्म को टक्कर दे दें। इस फिल्म से लोगों को राजपूत समाज के बारे में बहुत सी बाते जानने को मिलेंगी।