दरअसल, नोएडा के सेक्टर 24 स्थित ईएसआई अस्पताल में बोर्ड लगा दिया गया की 8 अप्रैल को टीकाकारण नहीं होगा। लोग दूर –दूर से आ रहे है और बोर्ड को देख कर निराश हो कर लौट गए। ग्रेटर नोएडा से टीका लगाने आए एक शख्स का कहना था कि टीकाकारण नहीं होगा का लगा बोर्ड देख कर वह वापस लौट रहे हैं। अगर पहले सूचना मिल जाती तो समय और पैसा दोनों बच जाता। खोडा कालोनी से महिला को उनके ऑफिस वालों ने टीका लगाने को कहा था। वह ऑफिस से छुट्टी लेकर आई थीं, पर टीका नहीं लग पाया। सरकार विदेशों में टीका भेज रही है, लेकिन देश के लोगों के लिए टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है।
उधर, ईएसआई अस्पताल में कोविड सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ प्रवीण सतारा का कहना है कि सुबह सीएमओ ऑफिस से सूचना आई थी कि एक दिन के लिए टीकाकरण नहीं होगा। सूचना को बोर्ड पर लगा दिया गया। कितने लोगों को टीका लगना था, इसकी भी जानकारी नहीं है, ये जानकारी सीएमओ ऑफिस को है। लेकिन जिनका रजिस्टेशन हुआ है, उनको दोबारा रजिस्टेशन करने की जरूरत नहीं है। वैक्सीन उपलब्ध होते ही लगा दी जाएगी।
वहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि लगातार पिछले चार दिनों से जिले में कोरोना वैक्सीन का गंभीर संकट है। टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग को नाम मात्र के लिए डोज मिल रही है। हालात यह हो गए हैं कि विभाग ने फजीहत से बचने के लिए प्रतिदिन के लिए निर्धारित 10 हजार टीकाकरण के लक्ष्य को 30 फीसद तक कम कर दिया है। जिले में कोविशील्ड व को-वैक्सीन दोनों ही टीकों का अभाव है। तीसरे चरण के तहत बुजुर्गों व बीमारों को कार्ड में लिखी तिथि के अनुसार दूसरी डोज नहीं दिया जा रहा है। एक मार्च को जिले में तीसरे चरण की शुरुआत हुई। माह भर में 66 हजार 424 से अधिक लोगों को टीका लगा। बताया जा रहा है किमेरठ मंडल में शासन से मंगलवार को 30 हजार डोज आईं, जहां से जिले को सिर्फ 5,500 मिलीं। वैक्सीन की कमी का कारण क्या है, इस बारे में अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।