उल्लेखनीय है कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों से रोजाना लाखों वाहन राजधानी की सीमा में प्रवेश करते हैं। इनमें अधिकतर लोग नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर और मेरठ से होते हैं, जिनके पास बड़ी संख्या में दिल्ली नंबर के वाहन भी हैं। लेकिन, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस भी सख्त कार्रवाई कर रही है।
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शराब के शौकीनों के लिए बड़ी खबर! शादियाें में भूलकर भी न करें ये काम, वर्ना दर्ज होगी FIR नोएडा और गाजियाबाद में भी जब्त हो रहे पुराने वाहन दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में ऐसे पुराने वाहनों को जब्त किया जा रहा है। इसी बीच वाहनों को इलेक्ट्रिक किट लगवाने की बात कहकर सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है। परिवहन मंत्री गहलोत ने कहा है कि अब इंजन बदलवाकर इलेक्ट्रिक किट फिट कराई जा सकती है। लेकिन, ऐसा तभी हो सकता है, जब वाहन पाए जाएंगे। एक बार इलेक्ट्रिक इंजन लगवाने के बाद वाहन मालिक 10 साल से अधिक पुराने वाहनों को भी चला सकेंगे।
अब पुराने वाहन को कबाड़ के दाम में बेचने की जरूरत नहीं नए आदेश के अनुसार, दिल्ली में 24 घंटे माल वाहक इलेक्ट्रिक वाहन फर्राटा भर सकेंगे। नो-एंट्री जोन में भी इन वाहनों के लिए रोक नहीं होगी। सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परिवहन मंत्री का कहना है कि यह फैसला दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। बता दें कि इससे वेस्ट यूपी के उन वाहन मालिकों को भी बड़ा फायदा होगा, जो अपने दिल्ली नंबर के पुराने वाहनों को कबाड़ के भाव में दूर-दराज के क्षेत्रों में बेच रहे थे।