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Pitru Paksha 2018: 24 सितंबर से शुरू हो रहे हैं Shradh, भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम

locationनोएडाPublished: Sep 18, 2018 04:15:30 pm

Submitted by:

sharad asthana

इस साल 2018 में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) 24 सितंबर 2018 दिन सोमवार से शुरू होकर 8 अक्टूबर 2018 दिन सोमवार तक रहेगा

Shradh

Pitru Paksha 2018: 24 सितंबर से शुरू हो रहे हैं Shradh, भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम

मुरादाबाद। इस साल 2018 में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) 24 सितंबर 2018 दिन सोमवार से शुरू होंगे। ये 8 अक्‍टूबर 2018 दिन साेमवार तक चलेंगे। इन दिनों में हिंदू धर्म में लोग अपने पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राध (Shradh) करते हैं। माना जाता है क‍ि जो व्यक्ति पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों का श्राध नहीं करते हैं, उनको पितृ दोष (Pitru Dosh) लगता है।
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श्राध (Shradh) ठीक से करने से दूर होता है पितृ दोष (Pitru Dosh)

ज्‍योतिष पंकज वशिष्ठ का कहना है क‍ि हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) का विशेष महत्‍व है। इन दिनों श्राध (Shradh) करने से पूर्वजों की आत्‍मा को शांति मिलती है। श्राध (Shradh) ठीक से करने से पितृ दोष (Pitru Dosh) दूर होता है। इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha) 24 सितंबर 2018 दिन सोमवार से शुरू होकर 8 अक्टूबर 2018 दिन सोमवार तक रहेगा।
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ऐसे करें श्राध (Shradh)

ज्‍योतिष पंकज वशिष्ठ ने बताया कि पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए ठीक से श्राध (Shradh) करना चाहिए। उनका कहना है क‍ि पूर्वजों की पूण्यतिथि के हिसाब से पितृ विसर्जन करना चाहिए। श्राध (Shradh) में अपने पितरों को याद करने के साथ ही उनके पसंद के व्यंजन बनाएं। इसके बाद इसे कौए को खिलाएं या फिर ब्राह्मण को भोग लगाएं। इसेस आपके पूर्वजों की आत्‍मा प्रसन्‍न होगी। अगर आपके पूर्वज प्रसन्‍न होंगे जिंदगी काफी कठिनाइयां खत्‍म हो जाएंगी।
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ऐसा भूलकर भी न करें

ज्‍याेतिष पंकज वशिष्‍ठ का कहना है क‍ि कर्मकांड में गाय का ही दूध और घी प्रयोग करना चाहिए। साथ में तिल और जौ का इस्तेमाल करें। श्राध (Shradh) करने के लिए वन, पहाड़, मंदिर, नदी का किनारा या कोई भी धार्मिक स्थल पवित्र माना जाता है। प्‍याज व लहसुन खाने से दूर रहना चाहिए। इस दौरान मांस या शराब का सेवन करने से पितृ नाराज हो जाते हैं। जिस समय ब्राह्मणों को भोजन कराएं, उस समय दोनों हाथों का इस्‍तेमाल करें। इसके अलावा पूजन में बहन, बहनोई और भांजे-भांजियों को जरू बुलाना चाहिए। किचन में पूरी साफ-सफाई रखें। इतना ही नहीं इन दिनों नया कार्य या नए वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। इन दिनों में कोई शुभ कार्य भी किया जाता है।
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श्राध (Shradh) Calendar

24 सितंबर 2018- सोमवार- पूर्णिमा श्राद्ध

25 सितंबर 2018- मंगलवार- प्रतिपदा श्राद्ध

26 सितंबर 2018- बुधवार- द्वितीय श्राद्ध

27 सितंबर 2018- गुरुवार- तृतीय श्राद्ध

28 सितंबर 2018- शुक्रवार- चतुर्थी श्राद्ध
29 सितंबर 2018- शनिवार- पंचमी श्राद्ध

30 सितंबर 2018- रविवार- षष्ठी श्राद्ध

1 अक्टूबर 2018- सोमवार- सप्तमी श्राद्ध

2 अक्टूबर 2018- मंगलवार- अष्टमी श्राद्ध

3 अक्टूबर 2018- बुधवार- नवमी श्राद्ध
4 अक्टूबर 2018- गुरुवार- दशमी श्राद्ध

5 अक्टूबर 2018- शुक्रवार- एकादशी श्राद्ध

6 अक्टूबर 2018- शनिवार- द्वादशी श्राद्ध

7 अक्टूबर 2018- रविवार- त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध

8 अक्टूबर 2018- सोमवार- सर्वपितृ अमावस्या, महालय अमावस्या (Mahalaya Amavasya 2018)
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महालय अमावस्या (Mahalaya Amavasya 2018)

ज्‍योतषि पंकज वशिष्‍ठ ने बताया कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के सबसे आखिर दिन मतलब 8 अक्‍टूबर 2018 को पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या (Mahalaya Amavasya 2018) कहते हैं। इस दिन सभी पूर्वजों का तर्पण किया जाता है। माना जाता है क‍ि इस दिन किसी भी मृत व्यक्ति का श्राद्ध किया जा सकता है।
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