पंडित चंद्रशेखर शर्मा बताते हैं कि पंचांग के अनुसार इस बार श्राद्ध 15 दिन के होंगे। पंडित चंद्रशेखर कहते हैं कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वी पर सूक्ष्म रूप में विचरण के लिए आते हैं और अपने परिजनों के तर्पण को स्वीकार करते हैं।
कब किया जाता है श्राद्ध पंडित चंद्रशेखर बतातें हैं कि श्राद्ध भाद्रपक्ष की पूर्णिणा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलेंगे। उन्होंने बताया कि भाद्रपद पूर्णिमा का श्राद्ध उन्हीं का किया जाता है, जिनका निधन पूर्णिमा को ही हुआ हो। इसी तरह देहांत होने वाली तिथि को ही उनका श्राद्ध किया जाता है। वहीं जिन पूर्वजों की देहांत की तिथि याद नहीं हो उनका श्राद्ध आश्विन अमावस्या को मनाया जाता है। इसी तरह अकाल मृत्यु वाले पूर्वजों का श्राद्ध चतुर्दशी को करना चाहिए। पंडित जी कहते हैं कि पिता का श्राद्ध अष्टमी और माता का श्राद्ध नवमी तिथि को करने की भी मान्यता है।
श्राद्ध की तिथियां (Shradh 2019 dates) – 13 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध
– 14 सितंबर- प्रतिपदा
– 15 सितंबर- द्वितीया
– 16 सितंबर– तृतीया
– 17 सितंबर- चतुर्थी
– 18 सितंबर- पंचमी
– 19 सितंबर- षष्ठी
– 20 अक्टूबर- सप्तमी
– 21 अक्टूबर- अष्टमी
– 22 अक्टूबर- नवमी
– 23 अक्टूबर- दशमी
– 24 अक्टूबर- एकादशी
– 25 अक्टूबर- द्वादशी
– 26 अक्टूबर- त्रयोदशी
– 27 चतुर्दशी- मघा श्राद्ध
– 28 अक्टूबर- अमावस्या