मेट्रो के मुकाबले एक-तिहार्इ लागत पर तैयार होगी पाॅड टैक्सी व्यवस्था
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपाल अधिकारी डाॅ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि देश के कुछ शहरों में पाॅड आैर मैटरिनों टैक्सी चलाने की तैयारी की जा रही है। इस टैक्सी को चलाने में मेट्रो के मुकाबले एक तिहार्इ खर्च आएगा। इसके साथ ही इसकी रफ्तार भी अच्छी है। यह मेट्रो के मुकाबले कम लागत में एक अच्छा पब्लिक ट्रांसपोर्ट बनाकर सामने आया है। इसके लिए नीति आयोग से एक साल पूर्व जून 2016 में प्रस्ताव मिला था।
परीचौक से एयरपोर्ट के लिए मेट्रो की जगह पाॅड टैक्सी चलाने का प्रस्ताव
आपकों बता दें कि परीचौक से जेवर एयरपोर्ट के बीच मेट्रो पहले से प्रस्तावित है। इसके लिए मेट्रो ट्रैक तैयार कराने से लेकर चलाने वाला खर्च भी सामने आया गया है। इसके अनुसार 38 किलोमीटर की दूरी में मेट्रो चलाने का प्रत्यके किलोमीटर का संभावित खर्च 190 से 200 करोड़ रुपये के आसपास का है। वहीं पाॅड टैक्सी या मैटरिनों टैक्सी चलाने में करीब 50 करोड़ रुपये का संभावित खर्च आएगा। वहीं अधिकारियों की मानें तो पाॅड टैक्सी से कम खर्च के साथ ही लोगों को तेज रफ्तार आैर बेहतर सुविधा मिलेगी। यहीं कारण है कि कम खर्च आैर बेहतर सुविधा के लिए इस रूट पर पाॅड या मैटरिनों टैक्सी चलाने पर विचार किया जा रहा है।
इस टैक्सी की खूबी भी है सबसे अलग
– सबसे बड़ी यह कि यह बिना ड्राइवर के चलती है।
– इस पाॅड टैक्सी में चार से छह लोग बैठ सकते हैं।
– स्टेशन आते ही टैक्सी रुक कर आॅटोमेटिक दरवाजे खुल जाते हैं।
– पाॅड टैक्सी जाम मुक्त परिवहन का बेहतर विकल्प है।
– देश की पहली पाॅड टैक्सी मानेसर से धौलाकुआं के बीच चलाई जानी प्रस्तावित है। पाॅड टैक्सी शहर के किसी भी कोने तक पहुंच सकती है।