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काम कराने के लिए अधिकारियों को ब्लैकमेल करते थे तथाकथित पत्रकार, अब पुलिस ने कर दिया बुरा हाल, देखें वीडियो

locationनोएडाPublished: Aug 24, 2019 07:47:17 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

खबर की मुख्य बातें-
-इनका एक साथी अब भी फरार है
-जिस पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है
-पुलिस का कहना है कि इन सभी आरोपियों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई है

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नोएडा। पुलिस ने अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश कर चार तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। वहीं इनका एक साथी अब भी फरार है। जिस पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस का कहना है कि इन सभी आरोपियों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई है।
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गिरफ्त में आए सुशील पंडित, उदित गोयल, चंदन राय और नितीश पांडेय को नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। जबकि इनका साथी रमन ठाकुर अब भी फरार है। इन सभी पर आरोप है कि ये लोग गैंग बनाकर पुलिस और दूसरे सरकारी अधिकारियों पर अपने भौतिक व आर्थिक लाभ के लिए अनुचित दबाव डालकर उन्हें कानूनी कार्रवाई से रोकने की कोशिश करते थे। वहीं जो सरकारी अधिकारी इनके प्रभाव में नहीं आते थे, उनके विरुद्ध ये लोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे न्यूज पोर्टल, व्हॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर आदि पर व्यापक रूप से असत्य, अनर्गल व तथ्यहीन प्रचार-प्रसार कर उसकी नकारात्मक छवि बनाकर इतना दबाव डालने का प्रयत्न करते थे।
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गैंग बनाकर करते थे ब्लैकमेल

सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इस अंतर्जनपदीय गैंग का नेतृत्व सुशील पंडित कर रहा था। अभियुक्त सुशील पंडित और उदित गोयल को गौतमबुद्धनगर, चंदन राय को गाजियाबाद और नितीश पांडेय को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। इनके कार्यालयों को भी सील किया गया है। अभियुक्त रमन ठाकुर फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। गिरफ्तार चंदन राय के कब्जे से एक फार्च्यूनर कार, एक आई-20 कार, एक एप्पल आईफोन-10, एक सैमसंग फोन व एक मैक बुक बरामद हुई है। आरोपी उदित गोयल के कब्जे से एक इनोवा कार, दो मोबाइल फोन और सुशील पंडित के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है।
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पहले भी जा चुके जेल

डीएम और एसएसपी ने बताया कि इसी गैंग के सदस्यों सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर ने 30 जनवरी 2019 को थाना सेक्टर-20 के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को आरोपियों के पक्ष में कार्य करने के लिए अवैध रूप से प्रेरित किया गया था। उस कार्य के एवज में कुल 08 लाख रुपये लेकर 06 लाख रुपये खुद को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए हड़प लिए गए थे। ये तीनों व्यक्ति थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष से रंगे हाथ पकडे गये थे। ये जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद फिर गिरोह का संचालन शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि उस मामले में ये लोग गवाहों को प्रभावित करने और पैरवी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालने का काम कर रहे थे। अभियुक्त रमन ठाकुर के विरुद्ध वर्ष-2015 में भी थाना सेक्टर-20 में मुकदमा अपराध संख्या-795/15 धारा 420/467/468/471/500/504/506 भादवि, 25 शस्त्र अधिनियम व 66/67 आई.टी.एक्ट भी पंजीकृत किया गया था।
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डीएम ने बताया कि 18 अगस्त को जनपद में प्रभारी निरीक्षकों और थानाध्यक्षों का स्थानान्तरण किया गया था। उसमें विधिक रूप से उनकी सहमति ली गई थी। उक्त सुशील पंडित द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण को व्यक्तिगत रूप से लक्ष्य कर उक्त दुष्प्रचार किया गया है। सुशील पंडित पूर्व में अन्य सह-अभियुक्तों के साथ भ्रष्टाचार के प्रकरण में रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। डीएम और एसएसपी ने बताया कि अभियुक्तों के अपराध करने के तरीके, आय के स्रोत और अर्जित चल/अचल संपत्ति के बारे में जानकारी की जा रही है।

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