ग्रहण और भद्रा से मुक्त रहेगा रक्षाबंधन नोएडा के लाल मंदिर के पुजारी पंडित विनोद शास्त्री के अनुसार शास्त्रों में कहा गया है कि रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा (Bhadra) और ग्रहण मुक्त मनाया जाना चाहिए। ये दोनों की समय अशुभ माने गए हैं। भद्रा और ग्रहण मुक्त समय में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। वहीं इस बार यह भी खास है कि रक्षा बंधन पर भद्रा की नजर नहीं लगेगी। साथ ही इस बार श्रावण पूर्णिमा भी ग्रहण से मुक्त रहेगी।
पंडित जी के अनुसार रावण की बहन ने भद्राकाल में रक्षासूत्र बांधा था। इसके चलते ही रावण का सर्वनाश हुआ था। इस बार भद्राकाल नहीं रहेगा, जिसके चलते बहनें सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच किसी भी समय अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।