Highlights:
-सार्वजनिक वाहनों में Condom साथ लेकर नहीं चलने पर चालान होने का मामला है
-दावा किया जा रहा है कि कैब ड्राइवर के पास Condom नहीं पाया जाता तो उसका हो रहा है
-अफवाह कहां से और कैसे आई ये बड़ा ही दिलचस्प है
नोएडा/गाजियाबाद। एक सितंबर से New Motor Vehicle Act लागू होने के बाद देशभर से बड़े-बड़े चालान होने की खबरें सामने आ रही हैं। इसके विरोध में गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के ट्रांसपोर्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल तक कर डाली। वहीं सरकार व आला अधिकारी Motor Vehicle Act में हुए संशोधन से ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने की बात कह रहे हैं।
इस सबके बीच एक ऐसी खबर इन दिनों तेजी से उड़ रही है जिसने लोगों को हैरत में डाल दिया है। कोई इसे अफवाह करार दे रहा है तो कोई नियम का हवाला देते हुए सही भी कह रहा है। हालांकि अधिकारिक तौर पर इसके बारे में किसी ने पुष्टि नहीं की है। मामला है सार्वजनिक वाहनों में Condom साथ लेकर नहीं चलने पर चालान होने का। दावा किया जा रहा है कि अगर किसी कैब ड्राइवर के पास Condom नहीं पाया जाता तो ट्रैफिक पुलिस उसका चालान कर रही है। अब ये अफवाह कहां से और कैसे आई ये बड़ी ही दिलचस्प है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला…
दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर दो दिन पहले एक कैब ड्राइवर को ट्रैफिक पुलिस ने रोका। इस दौरान पुलिस ने उसकी कैब में रखा हुआ फर्स्ट एड बॉक्स चेक किया। रिपोर्ट के मुताबिक ड्राइवर का दावा है कि फर्स्ट एड बॉक्स में कॉन्डम भी रखा था। बावजूद इसके पुलिस ने उसका चालान काट दिया। हालांकि ये चालान ओवरस्पीडिंग के लिए किया गया था। कैब ड्राइवर धरमेंद्र का कहना है कि एक बार ट्रैफिक पुलिस ने उसका चालान सिर्फ इसलिए कर दिया कि उसकी कैब के फर्स्ट एड बॉक्स में कॉन्डम नहीं था। धरमेंद्र की ये बात आग की तरह दिल्ली ही नहीं, एनसीआर के शहरों में रह रहे कैब ड्राइवरों में फैल गई।
तीन कॉन्डम साथ रखकर घूम रहे कैब ड्राइवर नोएडा के सेक्टर-135 स्थित गुरू कृपा ट्रांसपोर्ट के मालिक धीरे सिंह ने इस बाबत बताया कि सभी सार्वजनिक वाहनों के लिए हर समय कम से कम तीन कॉन्डम लेकर चलना जरूरी है। हमारी एसोसिएशन के लोगों के बीच हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि ट्रैफिक पुलिस ने फर्स्ट एड बॉक्स में कॉन्डम नहीं होने पर चालान कर दिया। वहीं नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से कैब चालक और भी सतर्क हो गए हैं। इसलिए सभी अपनी कैब में कॉन्डम लेकर चल रहे हैं। वह कहते हैं कि आज तक यूं तो हमारे कैब ड्राइवरों से किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी की ओर से इस बारे में नहीं पूछा गया, लेकिन कुछ ड्राइवरों का कहना है कि फिटनेस टेस्ट के दौरान उनसे कई बार इसके बारे में पूछा गया है।
ब्लीडिंग रोकने में मदद करता है कॉन्डम वहीं गाजियाबाद स्थित विजय नगर में रहने वाले एक कैब ड्रावइर राजेंद्र कुमार का कहना है कि कॉन्डम का इस्तेमाल किसी की हड्डी में चोट आने या फिर शरीर में किसी तरह का कट लगने पर किया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को अचानक ब्लीडिंग होती है तो कॉन्डम के जरिए इसे रोका जा सकता है। साथ ही फ्रेक्चर होने की स्थिति में उस जगह कॉन्डम बांधकर उसे अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।
कानून में नहीं है कॉन्डम रखने का कोई जिक्र इस बाबत ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि इस तरह का कोई नियम नहीं है। न ही नए मोटर व्हीकल एक्ट में इसका कोई जिक्र है। वाहन के फिटनेस टेस्ट के दौरान भी इस तरह की कोई पड़ताल नहीं की जाती। अगर किसी कैब ड्राइवर का चालान कॉन्डम नहीं रखने पर किया जाता है तो वह तुरंत इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।