दरअसल, सपा-बसपा ने अपने गठबंधन में कांग्रेस को दो और अन्य सहयोगी पार्टी को भी दो सीट देने का फैसला किया है। जिसके बाद कांग्रेस व रालोद खुश नहीं है। जिसके बाद जानकारों का कहना है कि अब ये दोनों की पार्टी मिलकर गठबंधन कर प्रदेश की 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। वहीं रालोद के महासचिव ओमवीर सिंह का कहना है कि इस गठबंधन से किसानों को किसी तरह का फायदा नहीं होगा। रालोद किसानों के बारे में सोचती है और रालोद नेता किसानों के लिए लड़ते हैं। बाकी गठबंधन के फैसले पर हाईकमान विचार-विमर्श कर रहा है। इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी किसी के दबाव में समझौता नहीं करेगी। हम उस पार्टी के साथ समझौता करेंगे जो किसानों का हित सोचेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा को छोड़कर जो दल किसानों का हित सोचेगा, उससे पार्टी समझौता करेगी। चौधरी अजित सिंह ने मथुरा में कहा था कि दो सीटों पर किसी तरह का समझौता नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसान हितैषी है क्योंकि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां के किसान अभी खुश हैं। रालोद महासचिव के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि रालोद अगामी लाेकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है।