आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि बारिश और वॉटर लॉगिंक के कारण कैसे गाड़ियां खराब होने की वजह से खड़ी है। इस दौरान कई लोग अपनी गाड़ियों को धक्के मारते नजर आए। इस बारिश से पैदल चलने वाले लोग भी अपने जूतों को हाथ में लेकर पैंट घुटनों तक चढ़ा कर दरिया बने सड़क को पार करते नजर आए। इस दौरान स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक सज्जन तो लाठी और रेलिंग से सहारे इस जल भराव को पार करते दिखाई दिये।
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शहर के सेक्टर-37, सैक्टर 19, डीएनडी ओवरलीफ, सैक्टर 34, सिटी सेंटर, सेंटर स्टेज मॉल के पास, सेक्टर-27 में लोगों को वाटर लॉगिंक की समस्या से दो चार होना पड़ा। इस बारिश ने नोएडा प्राधिकरण के दावों की पोल खोलकर रख दी है। प्राधिकरण के अफसरों का दावा ता कि इस बार नालों की सफाई होने के कारण नोएडावासियों को वाटर लॉगिंक की समस्या से निजात मिल जाएगी। लेकिन शहर में जो नजारा देखने को मिल रहा है, उससे लगता नोएडावासियों को अभी कई वर्षों तक इस समस्या से जूझना पड़ेगा।
ग्रेटर नोएडा के दनकौर के बिलासपुर कस्बे में बीती रात एक जर्जर मकान अचानक से भरभरा कर गिर गया। मकान के मलवे में दो लोग दब गए। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही रेस्क्यू कर मकान के मलवे के नीचे दबे दोनों लोगों को बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डाक्टरों ने महिला शकीला को मृतक घोषित कर दिया। वहीं, महिला के पति की हालत नाजुक बताई जा रही है। मलवे के नीचे दबकर महिला की मौत की ख़बर मीडिया में फैलने के बाद प्राधिकरण के अफसर मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाकर उन्हें मुआवजा देने की बात करते हुए नजर आए।
इस मामले में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया, लेकिन अचानक से गिरे मकान के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन की कोई टीम समय पर न पहुंचने से ग्रामीणों में भारी नाराजगी दिखी।