बुलंदशहर। आरएसएस की समन्वय बैठक में यूपी फतह के लिए सात घंटे तक चुनावी मंथन किया गया। इस दौरान नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक समेत 210 विधानसभा प्रत्याशियों पर विचार विमर्श किया गया। साथ नोटबंदी के उपजे हालात के बाद बीजेपी के लिए जनमत तैयार करने पर मंथन हुआ।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कह है कि संघ के कामों को लेकर सिर्फ चर्चा हुई है। वहीं, आरएसएस के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने भी संगठन के विस्तार पर ही चर्चा होने की बात कही। जबकि सूत्रों का कहना है कि बैठक में करीब 210 विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति के बारे में 218 प्रतिनिधियों से चर्चा हुई। सात घंटे तक चली इस बैठक में यूपी में आगामी विधनसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक में विधनसभाओ में तैनात किए गए संगठन के पदाधिकारियों को चुनावी मंत्र दिया गया।
बैठक में नहींं थी नेताओं के लिए एंट्री
समन्वय बैठक में जिले के पदाधिकारियों को प्रवेश नहींं दिया गया। बीजेपी जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को बैठक समाप्त होने तक गेट पर ही इंतजार करना पड़ा। विधायक व सांसदों को भी बैठक में प्रवेश की अनुमति नहींं दी गई थी। यहां तक कि सभी पदाधिकारियों को मुख्य गेट पर ही आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने रोक दिया।
सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी था मैन मुद्दा्
समन्वय बैठक में सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी के फैसले से होने वाले नफा और नुकसान पर भी विचार विमर्श किया गया। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं से यह भी कहा गया कि वह आम आदमी के बीच जाकर यह भी अाकलन करें कि नोटबंदी के फैसले का चुनाव में पार्टी को नुकसान तो नहीं उठाना पडेगा।
210 सीटों पर दावेदारी को लेकर हुई चर्चा
समन्वय बैठक में वेस्ट यूपी की सीटों पर टिकट के दावेदारी को लेकर भी चर्चा हुई। कहा गया कि प्रत्याशी चयन में उनके बैकग्राउंड का खास ध्यान रखा जाए। ऐसे लोगाेंें को टिकट दिया जाए जिनकी छवि साफ सुधरी हो।