इस बाबत उन्हें मंत्रालय के निदेशक आर.के गौतम का जवाब प्राप्त हुआ। जिसमें कहा गया है कि 112.24 लाख घरों की मांग में से 103.22 लाख घरों को स्वीकृत कर लिया गया है। जिसमें से तकरीबन 60 लाख निर्माणाधीन हैं। 32 लाख पूर्ण कर लिए गए हैं, जबकि तकरीबन 29 लाख घरों में लोग रहने लगे हैं। इसके बाद निदेशक कहते हैं कि मिशन की समयसीमा अर्थात 2022 तक बाकी बचे सभी मकान बना लिए जायेंगे।
रंजन तोमर ने बताया कि यह देश के लिए बहुत ख़ुशी की बात है कि करोड़ों लोगों को अपना खुद का घर सरकार द्वारा प्रदान करना लोकतंत्र के लिए बड़े गौरव की बात है। जहां देश में धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है। ऐसे में सभी धर्मों को प्रधानमंत्री आवास योजना में घर मिलना, देश विरोधी शक्तियों के मुंह पर एक तमाचे का काम करेगा और दुनिया में एक समावेशी पैगाम भी देश के प्रति जाना तय है कि किस प्रकार सरकार सभी के लिए घर बनाकर दे रही है।