रूसी अटैक के कारण अक्षित और उसके जैसे कई हजार छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं और वहां बंकर में रुके हुए हैं। परिवार वालों की निगाहे टीवी पर टिकी हैं। वह मोबाइल के माध्यम से बार-बार खैरियत जान रहे हैं। नोएडा सेक्टर-118 में रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि उनका बेटा अक्षित 2022 से यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। फोन पर बात हुई तो उसने बताया कि कॉलेज वालों की तरफ से एक बंकर में छुपा कर रखा गया है। उसके साथ भारत के और भी बच्चे रुके हुए हैं। उसका कहना है कि जिस बनकर में वह रुका है, वहां खाने की कमी हो गई है, जिसके कारण उन्हें बाहर जाना पड़ता है।
राजेश कुमार ने बताया कि युद्ध की स्थिति को देखते हुए पहले ही 30 हजार वाला टिकट 80,000 में बुक कराया था। लेकिन, यूक्रेन पर हमला होने के कारण फ्लाइट कैंसिल हो गई। उन्होंने बताया कि वहां के कॉलेज मैनेजमेंट की तरफ से बच्चों से बोला गया है कि वह किसी भी परिजन से वीडियो कॉल कर नहीं सकते। नॉर्मल कॉल पर ही बात कर सकते हैं।
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Russia Ukraine War : युद्ध से सहमा स्मार्टफोन और इलेक्ट्रानिक बाजार, आसमान पर पहुंचेगे चिपसेट के दाम भारत के ही करीब 20 हजार छात्र यूक्रेन में फंसे राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे से जानकारी ली कि भारत के कितने बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं तो उसने बताया कि यूक्रेन में अभी फिलहाल मेडिकल की पढ़ाई करने वाले लगभग 20,000 बच्चे भारत के ही फंसे हुए हैं। यूक्रेन में फंसे बच्चों को सुरक्षित भारत लाने के लिए अक्षित के पिता ने भारत सरकार से मांग की है कि वह सभी बच्चों को सुरक्षित वापस लाने में मदद करे। एंबेसी की तरफ से मदद नहीं मिल रही है, जिसके कारण वहां रह रहे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।