अखिलेश ने खुद को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करते ही मुलायम सिंह के करीबी पर गाज गिरा दी
नोएडा।
समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद
को सपा का राष्ट्री अध्यक्ष घोषित कर दिया है। जबकि मुलायम सिंह यादव का
कहना है कि वह अभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पिता पुत्र के बीच की इस रार
में मुलायम के खास सिपाही को खासा नुकसान हुआ है। अखिलेश यादव ने गाजियाबाद
से एमएलसी आशु मलिक की वाई श्रेणी की सुरक्षा को हटा दिया है। बता दें कि
बीते कुछ दिनों में आशु और मुलायम की निकटता बढ़ी है और सपा में जारी रार
के कारण आशु लंबे समय से लखनऊ में ही हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही
मुलायम से निकटता का लाभ उठाते हुए आशु ने अपने भाई को विधानसभा चुनाव का
टिकट दिलवाया था।
बता दें कि गाजियाबाद के एमएमलसी आशु मलिक
सपा में लगातार अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं। पहले खुद एमएलसी बने फिर
भाई को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया और सपा सुप्रीमो की मेहरबानी से
मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना सीट से अपने बड़े भाई को विधानसभा का टिकट दिलवाया।
हालांकि मौजूदा हालात में ये टिकट कट जाए तो कोई अचंभा नहीं होगा।
अखिलेश ने आशुर को दिया था धक्का
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अक्टूबर 2016 को लखनऊ में एक सभा के दौरान एक टीवी चैनल ने दावा किया था
कि मंच पर जब अखिलेश और शिवपाल के बीच हाथापाई की नौबत आई तो सामने आए आशु
मलिक को अखिलेश यादव ने धक्का देकर सामने से हटा दिया। गाजियाबाद से एमएलसी
आशु मलिक भी पार्टी मीटिंग में लखनऊ पहुंचे थे। इस घटना के बाद साफ हो गया
है अखिलेश यादव अब अपने चाचा और पिता के साथ उनके नेताओं को अपने सामने
बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
मुलायम सिंह ने बढ़ा कद
मुलायम
सिंह यादव का एमएलसी आशु मलिक के साथ में विशेष लगाव है। इसका अदांजा इसी
बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ में सपा के हर विशेष कार्यक्रम में मलिक
की उपस्थिति रहती है। इसी लगाव की बदौलत मुलायम सिंह ने वाई श्रेणी की
सुरक्षा दी। इसके बाद में छोटे भाई को जिला पंचायत और बड़े भाई को लिए
बुढ़ाना सीट से दावेदारी का जुगाड़ हो सका। लेकिन अखिलेश ने अब आशु की
सुरक्षा भी वापस ले ली है। संभावना है कि अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे
तो आशु को और भी नुकसान हो सकता है।
स्थानीय राजनीति पर किया होल्ड
एमएलसी
जितेन्द्र यादव व विधानसभा प्रत्याशी दिशांत त्यागी अपनी पसंद के व्यक्ति
को सपा का महानगर अध्यक्ष बनवाने में प्रयासरत थे तब आशु मलिक ने एक ही
झटके में अपनी पसंद के राहुल चौधरी को महानगर अध्यक्ष बनवा दिया। इसी तरीके
से युवा मोर्चा के अध्यक्ष परवेज चौधरी के नाम पर भी मुहर लगवाई। ये इशारा
करती है कि गाजियाबाद में सपा की राजनीति पर आशु मलिक ने अपना होल्ड बनाया
हुुआ है।