#Campaign महानगरों की तर्ज पर लगते हैं पुराने वाहनों के बाजार वहां से कई व्यापारी भीलवाड़ा लेकर आते है। यह कपड़े मध्यम वर्ग के परिवार वाले आसानी से ले जाते है। हालांकि कई पुराने कपड़े फुटपाथ पर भी बिकते है, लेकिन वे साइकिल रिक्शा या फिर हाथ ठेले वाले ही खरीदते है। इस तरह के कपड़ों का हर रविवार को सदर बाजार में बाजार भी सजता है सुभाष नगर बड़ी पुलिया के पास स्थित एक कपड़ा व्यापारी रतनलाल जैन का कहना है कि वे सैकण्ड हैण्ड कपड़े अजमेर, अहमदाबाद, जयपुर सहित अन्य शहरों से मंगवाते है। यह तौल के भाव आते है। इनमें वाहन साफ करने के कपड़े से लेहर हर तरह के कपड़े आते है।
#Campaign टेेेेक्सटाइल सिटी में बढ़ा सैकंड हैंड चीजों का बाजार हालांकि यह कपड़े मध्यम वर्ग के लोग ही ज्यादा लेते है। कपड़ों को सजा कर न रखकर केवल बोरों में रखते है। इनमें जिसको जो चाहिए वह अपने हिसाब से छांटकर ले जाते है। इन बोरों में अच्छी कपड़े भी आते है। कई बार तो चौपहिया वाहनों में आने वाले लोग भी टी शर्ट, शर्ट, लोवर, पायजामा, लड़कियों के लिए भी टीशर्ट व अन्य कपडे ले जाते है। इनमें भी कुछ कपड़ों की दर अलग-अलग है। इनमें सबसे अच्छ कपड़े तीन सौ से चार सौ रुपए किलोग्राम में मिल जाते है। जबकि सामान्य कपड़े सौ से तीन रुपए किलो ग्राम तक मिलते है। एक किलोग्राम में तो से तीन टीशर्ट या अन्य कपड़े तुल जाते है। जैन का कहना है कि सबसे ज्यादा कपड़े का बाजार सर्दी के समय चलते है। इस समय गर्म कपड़े भी आते है। जो तोल पर बहुत सस्ते होने से इनकी खरीद बढ़ जाती है। साथ ही गर्म कपड़े बेचने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है।