जानकारी के अनुसार, सेक्टर 71 में स्थित एक कंपनी में नौकरी के लिए कुछ युवाओं ने आवेदन किया था। कंपनी के सुपरवाइजर पवन शर्मा को उनके दस्तावेजों पर शक हुआ। शक होने पर सुपरवाइजर ने शिकायत फेज—3 थाना पुलिस से कर दी। पूछताछ के दौरान युवकों ने फर्जी मार्कशीट बनवाने की बात कबूल कर ली। ये मार्कशीट ग्रेटर नोएडा के मेहंदीपुर गांव निवासी सदाकत ने तैयार की थी। पुलिस ने सदाकत को उसके दुकान से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक लैपटॉप, फर्जी मार्कशीट, कंप्यूटर व प्रिंटर बरामद कर लिया।
सदाकत के अलावा फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले जोगेंद्र, सौरव, प्रदीप, श्रीनिवास, मनवीर और रविंदर को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। सीओ पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि सदाकत फर्जी दस्तावेज बनाने के एवज में प्रति युवक से 10 हजार रुपये लेता था। यह पिछले 6 महीने से फर्जी दस्तावेज बनाने का काम कर रहा था। अभी तक वह 100 से ज्यादा लोगों के दस्तावेज बना चुका है।