सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने अवैध ट्विन टावर का निरीक्षण करने दक्षिण अफ्रीका के डिमोलेशन के एक्सपर्ट इंजीनियर साइट पर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले 32 मंजिला एपेक्स टावर निरीक्षण किया। इस टावर में अभी टूट-फूट का काम नहीं चल रहा है। टीम ने एमराल्ड कोर्ट के बाकी 15 टावरों का भी निरीक्षण किया है। इमारत को गिराने से पहले यहां बने 15 टावरों का स्ट्रक्चरल ऑडिट भी कराया जा रहा है, ताकि इनकी मजबूती का आकलन किया जा सके। इसके बाद दोनों टावरों में कहां विस्फोट लगाया जाएगा, इसकी मार्किंग की जाएगी।
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Russia Ukraine War : आज जिस घर में मनाई जानी थी बेटे के जन्मदिन की खुशियां, वहां छाई मायूसी विदेशी इंजीनियरों की निगरानी में गिराया जाएगा इमारत को ध्वस्त तो 10 सेकंड में कर दिया जाएगा फिर भी टि्वन टावर की ब्लास्ट डिजाइन रिपोर्ट को सीबीआरआई अभी देख रहा है। डिजाइन में एडिफिस एजेंसी की तरफ से बताया गया है कि किस तरह विस्फोटक के जरिए टि्वन टावर ढहाए जाएंगे। दोनों ही टावर टूटने के बाद सेक्टर-93 से एक्सप्रेस-वे की तरफ जाने वाली सड़क और एटीएस विलेज सोसायटी के बीच में मलबा गिरेगा। टुकड़ों में यह मलबा झरने के पानी की तरह गिरते हुए दिखाई देगा।
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IIT BHU में शुरू होगी रिसर्च एक्सलेंस फेलोशिप, पूर्व छात्र करेंगे सहयोग 100 मीटर तक फैलेगी धूल इंजीनियरों का दावा है कि कंट्रोल ब्लास्ट ये टावर टूटेंगे। इसके बाद मलबा भी तय की गई जगह में ही गिरेगा, लेकिन इससे करीब 100 मीटर तक धूल फैलेगी। जिसके साफ होने में करीब 20 मिनट का समय लगेगा। ऐसे में करीब 100 मीटर रेंज के सभी टावरों को खाली कराकर लोगों को तीन से चार घंटे तक बाहर रहना होगा। हालांकि कई रेजिडेंट्स ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है।