नोएडा

स्कूटर से सप्लाई करते थे बैट्री, आज हैं करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक

खबर की खास बातेंः-
1. महज 2 हजार रुपये से शुरू किया था कारोबार2. आज 45 करोड़ रुपये का सालाना हैं कंपनी का टर्नओवर3. कारोबारी SK Mahajan ने सोलर के क्षेत्र में दुनिया के 51 लोगों में बनाई अपनी अलग पहचान

नोएडाJul 09, 2019 / 11:38 am

virendra sharma

स्कूटर से सप्लाई करते थे बैटरी, आज हैं करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक

नोएडा. तीन दशक पहले एक शख्स ने महज 2 हजार रुपये से कारोबार का सफर शुरू किया। छोटी-सी शुरुआत के बाद कम समय में ही उनका बिजनेस एम्पायर करोड़ों रुपयों में पहुंच गया है। आज के समय में इस कारोबारी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे चुनिंदा दुनिया के 51 लोगों में शामिल होकर अपनी अलग पहचान बना ली है।
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B.TECH (Electronics Engineering) की पढ़ाई करने वाले एसके महाजन ने 1992 में महज 2000 रुपये से सफर की शुरूआत की थी। इन्होंने बैट्री और यूपीएस की ट्रेडिंग का कारोबार शुरू किया। आज के समय में एसके महाजन (SK Mahajan) करोड़ोंं रुपये की टर्नओवर देने वाली सोलर कंपनी के मालिक बन गए है। एसके महाजन ने बताया कि 1976 में बीटेक की पढ़ाई करने के बाद 16 साल नौकरी की। लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा। उन्होंने बताया कि अपनी जमापूंजी 2 हजार रुपये से यूपीएस और बैट्री की सप्लाई का काम शुरू किया। सप्लाई के लिए स्कूटर से नोएडा, दिल्ली और गुरुगा्रम में चक्कर लगाया करते थे। एक दिन में 15 टन तक बैटरियां सप्लाई किया करते थे। लेकिन कभी हार नहीं मानी।
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1997 में पैनासोनिक कंपनी ने देश का पहला बैट्री इंपोर्टर बनाया। इसके अलावा जापान से आने वाली बैट्री की सप्लाई इंटेल, एचसीएल, इंफोसिस जैसी कंपनियों को करने लगे। 2010 में टाटा के टैरी प्रोजेक्ट के तहत एक बिलियन सोलर लाइट लगाने लक्ष्य रखा गया। इसमें बैट्री बेचने का मौका मिला। नोएडा में 2015 में आईबी सोलर नाम से कंपनी की शुरूआत की। शुरूआत में 15 मेगावाट का टारगेट था, जो आज 90 मेगावाट तक पहुंच गया है। 2 हजार रुपये से शुरू हुआ कारोबार का सफर आज सालाना 45 करोड़ रुपये का पहुंच गया है। एसके महाजन ने बताया कि कड़ी मेहनत की सफलता की कुंजी है। 28 साल की तपस्या के बाद आज यहां तक पहुंचा हूं। हर पल सीखने को मिला है, लेकिन कभी निराश नहीं हुआ।
कई बार हुए सम्मानित

एसके महाजन एसोचेम (ASSOCHAM) की मैनेजमेंट कमिटी के सदस्य हैं। महाजन को 2004 में भारत सरकार ने उद्योग रत्न का आवार्ड देकर सम्मानित किया था। 2005 में राजीव गांधी सेरेमनी आवार्ड और फरवरी 2019 में 51 ग्लोबल सोलर लीडर अवार्ड से उन्हें सम्मानित किया गया।
Make In India की राह पर महाजन के बेटे

एसके महाजन ने बताया कि उनके बड़े बेटे अभिनव महाजन ने आॅस्ट्रेलिया से एमबीए की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 2008 में ही पिता के साथ जुड़ गए। new york university से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के बाद उनका छोटा बेटा अविरल महाजन भी करोड़ों रुपये के पैकेज की नौकरी छोड़कर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को और आगे बढ़ाने में जुट गए है।
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