कोरोनो की दूसरी लहर ने
हाईटेक सिटी नोएडा के स्वास्थ्य विभाग की भी कलई खोल दी है। कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की कमी और भर्ती मरीज की हालत गंभीर होने पर परिवार वालों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन का इंतजाम करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन परिवार वाले जब रेमडेसिवीर के लिए सीएमओ कार्यालय पहुंचते हैं तो वहां भी निराशा ही मिलती है।
सोमवार काे यहां ऐसा ही नजारा देखने काे मिला। कोरोना से संक्रमित हाेने पर रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह भदौरिया को अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत बिगड़ने पर उनके बेटे धर्मेंद्र सिंह भदौरिया से चिकित्सकाें ने कहा कि वह रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम कर लें। जब इंजेक्शन नहीं मिला तो बेटा सीएमओ कार्यालय के बाहर ही रो पड़ा। बेटे का कहना था कि सारी जिंदगी पब्लिक सेवा में बिता दी और आज अपने लिए एक इंजेक्शन की व्यवस्था भी नहीं कर पा रहे हैं।
रिटायर्ड इंस्पेक्टर नोएडा के सेक्टर 39 स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती हैं। महेंद्र की हालत नाजुक है जिस कारण डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जरूरत है। उनके पास समय कम है अगर रेमडेसिवीर का डोज नहीं दिया गया तो महेंद्र भदौरिया की जान जा सकती है। बेटा धर्मेद्र रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए ठोकर खा रहा है बेटे का रो-रो कर बुरा हाल है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।
सीएमओ कार्यालय रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए प्रवीण कुमार भी पहुंचे है उनका कहना है कि उनके पिता बीमार है और वे इंजेक्शन लेने आए हैं। डॉक्टर के लिखने और मरीज की आईडी होने के बाद भी रेमडेसिविर नही दे रहे हैं जबकि इंजेक्शन उपलब्ध है। उनका कहना है कि वे बाज़ार में 30-40 हज़ार का इंजेक्शन नहीं खरीद सकते हैं। वे कहते हैं कि सीएमओ से लेकर और कई अधिकारियों को फोन कर लिया लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा है।