scriptहजारों घर खरीदारों का पैसा डकारने वाले आम्रपाली ग्रुप पर कसा शिकंजा | three directors of Amrapali were arrested after order of supreme court | Patrika News

हजारों घर खरीदारों का पैसा डकारने वाले आम्रपाली ग्रुप पर कसा शिकंजा

locationनोएडाPublished: Oct 09, 2018 09:09:03 pm

Submitted by:

Iftekhar

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हिरासत में लिए गए आम्रपाली ग्रुप के 3 डायरेक्टर्स

Amrpali

हजारों घर खरीदारों का पैसा डकारने वाले आम्रपाली ग्रुप पर कसा शिकंजा

नोएडा. हजारों घर खरीदारों के सपने पर पानी फेर चुके आम्रपाली ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट में शिकंजा कस दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेज जमा कराने को लेकर की जा रही हीलाहवाली के बाद आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है। देश के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर आम्रपाली ग्रुप के तीन डायरेक्टरों को पुलिस ने मंगलवार को अपनी कस्टडी में ले लिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दस्तावेज देने तक तीनों लोग पुलिस की हिरासत में रहेंगे। आम्रपाली रियल एस्टेट ग्रुप के डायरेक्टर्स अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भेजा दिया गया है। गौरतलब है कि आम्रपाली ग्रुप के अधूरे पड़े प्रॉजेक्ट्स के चलते बड़ी संख्या में निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस बिल्डर को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह कोर्ट से लुका-छिपी का खेल न खेलें। जब तक दस्तावेज नहीं दिए जाते, आप पुलिस की हिरासत में रहेंगे। इससे पहले कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी की ओर से पेश वकील से पूछा था कि फॉरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेजों को अब तक ऑडिटरों के पास जमा क्यों नहीं कराया गया? गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने DRT (ऋण वसूली ट्राइब्यूनल) को आम्रपाली की 16 संपत्तियों की नीलामी या बिक्री का आदेश दिया था। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि इन संपत्तियों की बिक्री से 1600 करोड़ रुपये इकट्ठा हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि वह तय करेगा कि कैसे इस रकम का इस्तेमाल अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने में किया जाए। शीर्ष कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टरों को सभी संबंधित दस्तावेजों को डीआरटी को जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिटर को भी निर्देश दिया था कि वह 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि रकम का गबन कैसे किया गया?

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इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की ठप पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने वाले बिल्डर का चयन करने के लिए NBCC लिमिडेट को निविदाएं पेश करने (टेंडर देने) की अनुमति दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने NBCC से 60 दिन के अंदर लंबित पड़ी परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

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