ट्रांसपोटरों का दावा है कि इस एक दिवसीय हड़ताल में 25 हजार ट्रक, 35 हजार आटो, 50 हजार के करीब टैक्सी व कैब के साथ स्कूल बसें भी शामिल होंगी। इसमें दिल्ली-एनसीआर के सार्वजनिक व व्यवसायिक वाहन से जुड़े 51 संगठनों ने शामिल होने की घोषणा की है। संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष वेदपाल चौधरी ने बताया कि काम बंद कर हड़ताल करना अच्छा नहीं लग रहा, लेकिन सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की कमर तोड़ दी है। इसलिए हम लोगों को मजबूरी में ये कदम उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार ने ऐसे नियम थोपे हैं जिससे कारोबारियों को आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। ऐसा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ट्रक, बस, स्कूल बस व कैब सब इस हड़ताल में शामिल होंगे। सड़क दुर्घटना रोकने के लिए की जा रही सख्ती के विरोध में नहीं हैं, लेकिन जुर्माने की राशि अधिक है। वहीं, यह पूरी तरह से एकपक्षीय है। सरकार को वाहन मालिकों का भी पक्ष रखना चाहिए था।
नये मोटर व्हीकल एक्ट-2019 में ये हैं जुर्माने की राशि
-बिना ड्राइविंग लाइसेंस 5000 रुपये का चालान, पूर्व में ये 500 रुपये था
-नाबालिग वाहन चलाते पाए जाने पर 500 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान। वाहन से किसी भी ट्रैफिक नियम को तोडऩे पर वाहन मालिक के खिलाफ केस
-शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 6 महीने तक की कैद व 10,000 रुपये तक का जुर्माना। दूसरी बार ऐसा करने पर 2 साल तक की कैद व 15,000 रुपये का जुर्माना
-ओवरस्पीडि़ंग पर 1000 रुपये की जगह अब 2000 रुपये का चालान
-बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर 100 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान
-मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग पर 1000 की जगह 5000 रुपये का जुर्माना
-सड़क नियमों को तोडऩे पर 100 रुपये की जगह 500 रुपये का चालान
-दुपहिया वाहन पर ओवरलोडिंग पर 100 रुपये की जगह 2000 का चालान व 3 साल के लिए लाइसेंस निलंबित
-बिना इंश्योरेंस के ड्राइविंग पर 1000 की जगह 2000 रुपये का चालान