बेरोजगारों के लिए खुशखबरी, अगर आता है यह काम तो हर महीने कमा सकेंगे 25 से 30 हजार रुपये बता दें कि ट्राई के प्रमुख आरएस शर्मा ने शनिवार को अपना आधार नंबर सार्वजनिक करते हुए हैकरों को यह चुनौती दी थी कि कोई भी हैकर इसमें दर्ज सूचना को हैक कर निकाले और उसका दुरुपयोग करके दिखाए। इसके बाद कुछ ने लोगों ने दावा किया कि उन्होंने शर्मा के बैंक खाते, ईमेल की सूचना प्राप्त कर ली हैं। हालांकि इसके बावजूद शर्मा ने सूचना लीक होने से इनकार किया था। अब इस मामले में यूआईडीएआई ने कहा है कि लोगों को सार्वजनिक रूप से इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आधार संख्या नहीं डालनी चाहिए और न ही अन्य को इसे लेकर कोई चुनौती देनी चाहिए।
वसीयत बनवाने से पहले जान लें ये महत्वपूर्ण बात, जिंदगी भर नहीं होगी समस्या प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि किसी अन्य की आधार संख्या पर आधार सत्यापन या किसी भी उद्देश्य से अन्य के आधार का उपयोग धोखाधड़ी माना जाएगा और आधार कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत आपराधिक कार्रवाई माना जाएगा। साथ ही कहा है कि अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है या दूसरे को ऐसा करने के लिए उकसाता है तो उसके खिलाफ भी कानून के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए लोगों को ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए। यूआईडीएआई ने कहा कि 12 अंकों वाली आधार संख्या व्यक्तिगत रूप से संवेदनशील सूचना है।
अगर दुकानदार ने की आपसे ठगी तो यहां करें फोन, मिल सकता है लाखों का हर्जाना यूआईडीएआई की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि आधार नंबर एक विशिष्ट पहचान है और इसका इस्तेमाल विभिन्न सेवाएं, लाभ और सब्सिडी लेने के लिए व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए किया जाता है। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कि बैंक खाता संख्या, पासपोर्ट संख्या और पैन नंबर। इसलिए इसे वैध जरूरतों के लिए ही साझा किया जाना चाहिए।