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प्रदेश सरकार के इस नए नियम के बाद नोएडा में चल रहे कई निजी विश्वविद्यालय इस अम्ब्रेला एक्ट के दायरे में आएगे। वहीं नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर विक्रम सिंह इस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ऑर्डिनेंस का स्वागत किया है लेकिन इस बात पर संशय व्यक्त किया है की ये एक्ट राज्य सरकार को निजी विश्वविद्यालयों की वित्तीय और अकादमिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए और अधिक शक्ति देंगे। इससे निजी विश्वविद्यालय स्वायता प्रभावित न हो। जहां तक राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के बात है इसके लिए कानून आईपीसी में मौजूद है जैसे 153 आईपीसी जो हमें हमारे राष्ट्र के मानकों को स्पष्ट दिशा निर्देश देता है। अम्ब्रेला एक्ट इसका दूरगामी परिणाम होगा इसलिए अपेक्षा करूंगा कि स्पष्ट दिशा-निर्देश आनी चाहिए और इसके लिए कार्यशाला का भी आयोजन किया जाना चाहिए।
प्रदेश सरकार के इस नए नियम के बाद नोएडा में चल रहे कई निजी विश्वविद्यालय इस अम्ब्रेला एक्ट के दायरे में आएगे। वहीं नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर विक्रम सिंह इस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ऑर्डिनेंस का स्वागत किया है लेकिन इस बात पर संशय व्यक्त किया है की ये एक्ट राज्य सरकार को निजी विश्वविद्यालयों की वित्तीय और अकादमिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए और अधिक शक्ति देंगे। इससे निजी विश्वविद्यालय स्वायता प्रभावित न हो। जहां तक राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के बात है इसके लिए कानून आईपीसी में मौजूद है जैसे 153 आईपीसी जो हमें हमारे राष्ट्र के मानकों को स्पष्ट दिशा निर्देश देता है। अम्ब्रेला एक्ट इसका दूरगामी परिणाम होगा इसलिए अपेक्षा करूंगा कि स्पष्ट दिशा-निर्देश आनी चाहिए और इसके लिए कार्यशाला का भी आयोजन किया जाना चाहिए।
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वहीं शारदा विश्वविद्यालय के जाइंट रजिस्टार अजित कुमार कहते है की केंद्र सरकार ने भी एजुकेशन ड्राफ्ट पॉलिसी जारी किया है और उत्तर प्रदेश सरकार भी अम्ब्रेला एक्ट लाई है। यह दोनों एक दूसरे की विरोधाभासी हैं। केंद्र सरकार जहां स्वायता देने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर स्वयता पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं शारदा विश्वविद्यालय के जाइंट रजिस्टार अजित कुमार कहते है की केंद्र सरकार ने भी एजुकेशन ड्राफ्ट पॉलिसी जारी किया है और उत्तर प्रदेश सरकार भी अम्ब्रेला एक्ट लाई है। यह दोनों एक दूसरे की विरोधाभासी हैं। केंद्र सरकार जहां स्वायता देने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर स्वयता पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ऑर्डिनेंस 2019 के राष्ट्रविरोधी गतिविधि कहा गया है वह गलत है छात्रों का यह कहना था कि आजकल ट्रेन्ड चल गया है, इस शब्द के इस्तेमाल का। किसी एक की कारगुजारी की सजा सभी को नहीं मिलनी चाहिए और सभी को एंट्री नेशनल कहना सही नहीं होगा।
हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग के एक प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता संबंधी मानक व राज्य सरकार की नीति संबंधी निर्णय पूरी तरह से लागू कराए जाएंगे। माना जा रहा है कि नए एक्ट में ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं। ऐसे में इसके विरोध में स्वर सुनाई देगे।