Munna Bajrangi Murder: इन 5 बड़ी वजहों से सुनील राठी ने बरसाई्ं गोलियां!
नोएडा में भी जमाना चाहता था पैर दरअसल, बताया जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी नोएडा में अपने पैर जमाना चाहता था। बांदा जेल में बंद अनिल दुजाना के साथ मुनना बजरंगी की मुलाकात हो चुकी है। बताया जाता है कि अनिल दुजाना के जेल में रहने के दौरान उसका काम बलराम ठाकुर देखता था। फिलहाल वह भी जेल में बंद है। बलराम ठाकुर ने ही मुन्ना बजरंगी और अनिल दुजाना की मुलाकात कराई थी। 90 के दशक में मुन्ना बजरंगी वेस्ट यूपी में सक्रिय हुआ करता था। उसकी दादरी के बदमाश से दोस्ती भी हुई थी। बाद में वर्ष 2001 में दिल्ली में एसटीएफ की मुन्ना बजरंगी व यतेंद्र समेत कई बदमाशों से मुठभेड़ भी हुई थी।
बिल्डर ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट कुछ साल पहले नोएडा के एक बिल्डर से रंगदारी मांगने का मामला सामने आया था। इसमें बिल्डर ने मुन्ना बजरंगी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सेक्टर-58 थाना प्रभारी पंकज राय का कहना है कि इस मामले में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट में मामला चल रहा है।
संजीव जीवा के साथ हुई दोस्ती बताया जाता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात संजीव जीवा के साथ मुन्ना बजरंगी की दोस्ती थी। संजीव उसे वेस्ट यूपी में प्रॉर्प्टी खरीदने में मदद करता था। संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा फिलहाल मैनपुरी जेल में बंद है। फर्रुखाबाद में फरवरी 1997 को हुई पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में जीवा का नाम आया था। इसके बाद ही उसकी मुन्ना बजरंगी से दोस्ती बढ़ी। जवा को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी आरोपी बनाया गया था। कहा जाता है कि मुन्ना बजरंगी ने संजीव जीवा के साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया था।
वेस्ट यूपी में आया सुर्खियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद डीपी यादव के भाई राम सिंह यादव की हत्या में भी इसका नाम सामने आया था। डीपी यादव के भाई रामसिंह की हत्या 1997 में हुई थी। इसके बाद मुन्ना बजरंगी वेस्ट यूपी में सुर्खियों में आया था। बताया गया था कि वह डीपी यादव की हत्या करने गया था। उस समय नरेश भाटी और डीपी यादव के बीच गैंगवार चल रही थी। नरेश भाटी को तत्कालीन विधायक महेंद्र भाटी का साथ मिलना हुआ था। महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के मामले में डीपी यादव इस समय देहरादून जेल में है।