अनुभव में बहुत आगे है चेका तंजानिया के 34 वर्षीय चेका 43 मुकाबलों का अनुभव रखते हैं जिनमें उन्होंने 17 नॉकआउट सहित 32 मुकाबले जीते हैं। चेको के पास 16 साल के अपने करियर में 300 राउंड लडऩे का अनुभव है जबकि विजेन्दर का भारत में यह दूसरा मुकाबला होगा और उनके पास 27 राउंड का अनुभव है। चेका पूर्व विश्व चैंपियन और मौजूदा समय में उनके पास इंटर कांटिनेंटल सुपर मिडलवैट चैंपियनशिप खिताब है जो उन्होंने इस वर्ष फरवरी में सर्बिया के गियर्ड जेतोविच को हराकर जीता था।
विजेन्दर के सामने सबसे बड़ी चुनौती दूसरी तरफ विजेन्दर ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत विस्फोटक अंदाज में की और अब तक वह अपने सात प्रतिद्वंद्वियों को मात्र 27 राउंड में निपटा चुके हैं। विजेन्दर ने अपने सात में से छह मुकाबले नॉकआउट अंदाज में जीते हैं और अब चेका के रूप में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती आने जा रही है। विजेन्दर ने इसी वर्ष जुलाई में त्यागराज स्टेडियम में ही आस्ट्रेलिया के कैरी होप को हराकर अपना पहला डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडलवेट खिताब जीता था और इस खिताब की बदौलत वह डब्ल्यूबीओ रैंकिंग में टॉप टेन में पहुंच गए हैं।
पहले ही राउंड में नॉकआउट कर दूंगा-चेका चेका ने कहा, ‘ मैं इस बच्चे को मुक्केबाजी का सबक सिखाने के लिए तैयार हूं। मैं भारत आ रहा हूं और मैं पीछे नहीं हटूंगा। मैंने इस भारतीय मुक्केबाज के बारे में काफी कुछ सुना है और उसे काफी बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि मैं उसे उसकी जगह दिखा दूंगा। मैं जानता हूं कि वह मैनचेस्टर में ट्रेनिंग करता है। लेकिन इस मुक्केबाज को उसी के देश में पीटकर उसका खिताब छीनने में मजा आएगा। यदि आप मेरा रिकॉर्ड देखे तो मेरे पास कुल 17 नॉकआउट है। मैंने उससे कहीं ज्यादा राउंड खेले हैं और मुझे विश्वास है कि उसे पहले ही राउंड में नॉकआउट कर दूंगा।’
खिताब बरकरार रखने के लिए कोर्इ कसर नहीं छोडूंगा-विजेन्दर विजेन्दर ने कहा है कि फ्रांसिस चेका वह एक अनुभवी मुक्केबाज है। उसके पास ज्यादा राउंड का अनुभव है लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मैं कड़ी ट्रेनिंग कर रहा हूं और मुझे एक और जीत की उम्मीद है। यह मुकाबला अपने घर में और अपने दर्शकों के सामने होगा। मुझे पूरा घरेलू समर्थन मिलेगा और मुझे जीत का विश्वास है। हर सत्र के साथ मेरे पंच मजबूत होते जा रहे हैं। मेरी ट्रेनर मुझे कड़ी ट्रेनिंग से गुजार रहे हैं और मैं अपना खिताब बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।