पांचवीं बार मोदी पहुंचे जनपद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पांचवीं बार गौतमबु्द्ध नगर जिले में पहुंचे। वह यहां पर इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित पेट्रोटेक-2019 के उद्घाटन के मौके पर यहां आए थे। इसके साथ ही वह चार बार नोएडा और एक बार ग्रेटर नोएडा पहुंचे। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार रात को ही गौतमबुद्ध नगर पहुंच गए थे। इसके साथ ही उन्होंने सातवीं बार इस जिले की धरती नी कदम रखा। हालांकि, नोएडा को अशुभ माने जाने वाला मिथक वह पहले तोड़ चुके हैं। इस बार वह पूरी रात जनपद में रुके। अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री पूरी रात जिले में नहीं रुका है। इस तरह से सीएम ने एक रिकॉर्ड बना दिया है।
गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के वीआईपी गेस्ट हाउस में रुके योगी दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी की अगवानी करने के लिए रविवार रात ही जनपद पहुंच गए थे। तय कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें यूपी सदन मेंठहरना था लेकिन वह गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के वीआईपी गेस्ट हाउस में रुके। इस दौरान जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह से उनकी काफी लंबी चर्चा हुई। गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी देखकर सीएम काफी खुश हुए। इस दौरान जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द जल्द से शुरू करवाने की अपील भी की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को 28 फरवरी तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
इनकी जा चुकी है कुर्सी आपको बता दें कि नोएडा को राजनीतिक रूप से अशुभ माना जाता था लेकिन योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही इस मिथ को तोड़ा था। यह माना जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा की धरती पर कदम रखता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। सबसे पहले इस अंधविश्वास की चर्चा तब हुई थी जब 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह नोएडा में वीवी गिरी श्रम संस्थान का उद्घाटन करने आए थे। उसके बाद उनकी कुर्सी चली गई थी। इसके बाद वर्ष 1988 में आए मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह भी कुछ माह बाद ही वह पद से हट गए थे। 1989 में नाराण दत्त तिवारी नोएडा के सेक्टर-12 स्थित नेहरु पार्क का उद्घाटन करने आए थे। कुछ समय बाद उनकी भी कुर्सी चली गई थी। वर्ष 1994 में मुलायम सिंह यादव ने भी इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन ऐसा हो न सका। इसके बाद वर्ष 2000 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने नोएडा आने के बजाए दिल्ली से ही डीएनडी फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था। अखिलेश यादव भी अपने कार्यकाल में नोएडा में आने से बचते रहे थे।