Noida शहरी वोटरों का मूड बदल रहा नोएडा विधानसभा सीट में यूं तो ज़्यादातर उत्तर प्रदेश के लोग ही रहते हैं, लेकिन दिल्ली का दबदबा यहां ज्यादा है। शहरी क्षेत्र में ज़्यादातर यूपी के पूर्वांचल से आकर नौकरी करने वाले लोग हैं। तो ग्रामीण इलाके में यहां के गांव के मूल निवासी। कोरोना की त्रासदी के बाद जिस तरह से नोएडा से पूर्वाचंल तक की लड़ाई शहरी लोगों ने लड़ी उसका असर पंकज सिंह पर पड़ेगा। पंखुड़ी पाठक इसको भुना रही हैं। जबकि दिल्ली के नजदीक होने के कारण यहां आम आदमी पार्टी का भी खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस वजह से भी पढ़े लिखे तबके का वोट एक मुश्त किसी प्रत्याशी को मिलेगा ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है।
यह भी पढे : Mayawati ने Yogi Adityanath को याद दिलाया गोरखपुर का वो बंगला.. तीन बार से जीत रही है भाजपा 2017 के विधानसभा चुनावों में नोएडा सीट से जीतकर आए पंकज सिंह को कुल 1 लाख 62 हजार 417 वोट मिले थे। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के सुनील चौधरी दूसरे नंबर पर थे जिन्हें 58 हजार 401 वोट मिले थे। इसी तरह 2012 के आम चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा चुनाव जीते थे। महेश शर्मा 2 साल तक विधायक थे। फिर वह सांसद बन गए। आंकड़ों को देखें तो साफ है कि सीट भाजपा के कोर वोटरों की दिशा की ओर ही झुकती नजऱ आती है। जबकि सरकार की एंटी इनकमबेसी और आम आदमी का क्षेत्रीय दबाव जीत या हार के अंतर को काफी कम करेगा।
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Mafia अतीक अहमद जेल से दे रहा अपनी बेगम को चुनावी मंत्र, ओवैसी के टिकट पर रणनीति की चर्चा Noida के युवाओं में साफ छवि की ओर झुकाव नोएडा सीट पर पंकज सिंह की साफ छवि और दोस्ताना व्यवहार युवाओं को आकर्षित कर रहा है। कैंप कार्यालयों में क्षेत्रीय लोगों की समस्याओंक को लेकर कुछ माह तक खूब भीड़ जुटती थी। लेकिन यह भीड़ वोट में तब्दील होगी अभी भविष्य के गर्त में है।
Noida में गंदे पानी और गुंडों की समस्या योगी सरकार ने गुंडों और माफियाओं के लिए जो अभियान चलाया उसमें कई क्षेत्रीय माफिया नोएडा और गौतमबुद्ध नगर के शामिल थे। इनका पुलिस ने एनकाउंटर किया। इसका असर इस चुनाव में देखने को मिल रहा है। नोएडा की दूसरी बड़ी समस्या साफ पानी को लेकर है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, फिल्म सिटी जैसी योजनाओं में हटाए गए किसान और क्षेत्रीय अन्य विस्थापितों की समस्याएं भी मुद्दा हैं।
BSP सुप्रीमो मायावती का गृह जनपद नोएडा विधानसभा में ही बसपा सुप्रीमो मायावती का गृह जनपद भी आता है। लेकिन 2012 से आज तक बसपा को यहां जीत नहीं मिल सकी है। 2017 के चुनावों में भी बसपा के प्रत्याशी रविकान्त को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था। जबकि आरएलडी के प्रत्याशी को पंाचवा स्थान मिला था।
Noida में जातिगत आंकड़ा, मतदाताओं की संख्या नोएडा सीट पर लगभग 6 लाख 90 हज़ार 231 वोटर हैं। ठाकुर, जाट और ब्राह़मण वोटर की संख्या काफी अधिक है। साल 2012 में नोएडा के परिसीमन होने के बाद से ही ठाकुर और ब्राह्मणों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ जाट वोटों का दबदबा भी बढ़ा है। 2012 में परिसीमन के बाद पहली बार बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा विधायक बने थे। 2014 में डॉ. महेश शर्मा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सीट खाली हुई थी। उपचुनाव में भाजपा की विमला बाथम ने जीत दर्ज की थी।
Noida में चुनावी आंकड़े पुरुष– 3,91,460 महिला– 2,98,764 Noida में जातिगत वोटर्स की अनुमानित संख्या ब्राह्मण– 1.3 लाख बनिया– 1.1 लाख मुस्लिम– 70 हजार यादव– 40 हजार
गुर्जर– 35 हजार ठाकुर– 25 हजार