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खरीदारों को घर देने में नाकाम, नोएडा के 8 बड़े बिल्डर्स होंगे गिरफ्तार

locationनोएडाPublished: Dec 05, 2017 04:01:58 pm

Submitted by:

Iftekhar

5000 फ्लैट देने से कर दिया था मना, मंत्रियों के आदेश पर अब कसेगा शिकंजा

UP ministers

नोएडा. पैसे लेकर सालों बाद भी खरीदारों को घर नहीं देने वाले बिल्डरों के खिलाफ योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। घर खरीदारों की समस्या को सुलझाने के लिए बनाई गई योगी सरकार के मत्री समूह ने ऐसे बिल्डरों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है, जो लोगों का पैसे लेकर घर देने से नाकाम रहे हैं। ये आदेश मंत्री समूह ने सोमवार को दिल्ली में गौतम बुद्ध नगर के सभी प्राधिकरणों और पुलिस के आला अफसरों के साथ हुई बैठक में दी। बताया जाता है कि इस आदेश को अमली जामा पहुंचाने के लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारी भी शुरू कर दी है।

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एसएसपी लव कुमार ने बता कि सितंबर महीने में छह बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी के 13 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद दिसंबर 2017 तक 50,000 मकानों की डिलिवरी देने का बिल्डर्स ने वादा किया था। लेकिन, अभी तक सिर्फ 32 हज़ार फ्लैट की पोजेशन देने की हालत में है। ऐसे में अगर अब लोगों को घर नहीं मिलता है तो पुलिस इनके खिलाफ सख्त करवाई करेगी। हालांकि, पुलिस ने इन बिल्डर्स के नाम जारी करने से मना कर दिया है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बायर्स की शिकायत पर 6 बिल्डरों के खिलाफ 13 एफईआर दर्ज की थी। इनमें आम्रपाली, सुपरटेक, एल्पाइन रियलटेक, प्रोवियु ग्रुप, टुडे होम्स और जेएनसी कन्सट्रक्शन के के नाम शामिल हैं। इन बिल्डरों पर धारा 406 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस का कहना है कि इन बिल्डर्स ने अपने ग्राहकों को 5000 फ्लैट देने से मना कर दिया था। बायर्स की शिकायत पर इसी वर्ष अगस्त में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बनी तीन मंत्रियों की कमेटी ने ये फैसला लिया। मंत्रियों के इस समूह में शहरी आवास मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश महाना और गन्ना चीनी मिल विकास प्रभारी सुरेश राणा बतौर सदस्य शामिल हैं।

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मंत्र्यों के इस मूह ने 30 दिसंबर तक बायर्स को 50 हजार फ्लैट्स उपलब्ध करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को हुई बैठक में मंत्रियों की समिति ने नोएडा ग्रेटर नोएडा और युमना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को साफ कर दिया कि इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिल्डरों के साथ बैठकर समस्या का हल निकाला जाए। बायर्स को हो रहे नुकसान की भरपाई होनी चाहिए। इस दौरान तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों ने कुल 32 हजार फ्लैट का प्रपोजल तैयार कर ही मंत्रियों को सौंपा। इसी पर मंत्रियों ने नाराजगी जाहिर की और साल के अंत तक पूरे 50000 फ्लैट्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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मंत्रियों ने हिदायत दी कि करीब 18 हजार और फ्लैटों के लिए प्राधिकरण को बिल्डरों पर सख्ती बरतनी चाहिए। बैठक दिल्ली के इंडिया इंटरनेशल सेंटर में हुई थी। यहां मंत्रियों में प्रदेश औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, गन्ना मंत्री सुरेश राणा उपस्थित रहे। इसके अलावा नोएडा प्राधिरकण के सीईओ आलोक टंडन, ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ देवाशीष पांडा के साथ अन्य अधिकारी मौजूद थे।

 

बैठक में 50 हजार फ्लैटों को तैयार की अभी तक रणनिति व प्रपोजल पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान नोएडा प्राधिकरण ने 11 हजार फ्लैट, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 14 हजार और यमुना विकास प्राधिकरण ने 7500 फ्लैट का एक प्रपोजल तैयार कर मंत्रियों के समक्ष रखा। बताया गया कि इन फ्लैटों पर 30 दिसंबर तक बायर्स को कब्जा दे दिया जाएगा। वहीं, अब तक नोएडा प्राधिकरण की ओर से 6500 और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से 4500 फ्लैटों पर बायर्स को कब्जा दिया जा चुका है। समिति ने स्पष्ट कहा कि 30 दिसंबर तक 32 हजारर फ्लैट नहीं, बल्कि 50 हजार फ्लैटों का लक्ष्य प्राप्त करना है। इसको लेकर किसी प्रकार की कोताही बरती नहीं जानी चाहिए। बिल्डरों के साथ बैठक कर प्रगति रिपोर्ट तैयार करें।

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मौके पर जाकर देखें निर्माण कार्य

समिति ने स्पष्ट कहा कि बिल्डर साइटों पर जाकर देखें कि क्या प्रगति है। इसकी एक रिपोर्ट तैयार करें। प्रत्येक सप्ताह बिल्डरों के साथ बैठक की जाए। उनकी समस्याओं से ज्यादा बायर्स की समस्याओं को तव्वजों दे। ताकि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप 50 हजार फ्लैटों पर बायर्स को कब्जा दिया जा सके। इस मामले को लेकर गुरुवार को तीनों प्राधिकरण अधिकारी बिल्डरों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में एक बार फिर से पालिसी के तहत आवेदन करने के लिए कहा जाएगा। साथ ही बिल्डरों पर दबाव डाला जाएगा कि वह हर कीमत पर लक्ष्य को प्राप्त करें।

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किया जा रहा वित्तीय ऑडिट
बैठक में अधिकारियों की ओर से ऐसे बिल्डरों की सूची भी दी गई, जो बिल्डर न तो फ्लैट देने की कोशिश कर रहे और न ही बायर्स का पैसा देने के मूड में है। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ मंत्रियों की समिति ने स्पष्ट कहा कि इन बिल्डरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए। कोशिश की जाए कि इन बिल्डरों की वित्तीय ऑडिट कराकर जल्द से जल्द बायर्स को उनका पैसा दिलवाया जाए।

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