सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद अब जांच एजेंसियां टेंडर से पहले होटल में दोनों की मीटिंग की वजह तलाश रही हैं। बता दें कि फिलहाल संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद जेल में हैं। अब जांच एजेंसी दोनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर सीसीटीवी फुटेज के संबंध में पूछताछ करेंगी। आरोप है कि संजय उपाध्याय ने नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए यूपीटीईटी पेपर छापने का टेंडर दिया था, जो राय अनूप प्रसाद को दिया गया था। राय अनूप प्रसाद ने चार छोटी और असुरक्षित प्रेसों से यह वर्क ऑर्डर पूरा करवाया था। इन्हीं में से किसी एक प्रिंटिग प्रेस से पेपर लीक होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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आयोग की परीक्षा में धांधली के तार आगरा की कोचिंग तक पहुंचे, STF ने मारा छापा प्रिंटिंग प्रेस से ही यूपीटीईटी का पेपर लीक होने की पुष्टि यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि फिलहाल जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही यूपीटीईटी का पेपर लीक होने की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था, जिस कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इसमें 21.65 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे। इस पूरे प्रकरण को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। सरकार ने इसके जिम्मेदारों पर पर कार्रवाई के लिए जांच एसटीएफ को सौंपी थी।
सूरजपुर थाने में दर्ज हुआ था केस बता दें कि यूपीटीईटी पेपर लीक केस में जांच कर रही एसटीएफ ने आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया था। प्रश्न पत्र छापने का ठेका लेने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद से पूछताछ में संजय उपाध्याय की संलिप्तता सामने आने के बाद ये कार्रवाई की गई थी। संजय उपाध्याय को गिरफ्तार कर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में धारा 420, 409,120बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। फिलहाल ये दोनों जेल में बंद हैं।