कलेक्रेट में भी जलभराव के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। अधिकारियों से मिलने आए लोगों को जूता चप्पल हाथ में लेकर चलना पड़ा।
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में सोमवार से जो बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है, उसने प्राधिकरण और उसके अधिकारियों के दावों की पोल खोलकर रख दी है। हर साल मानसून आने से पहले शहर की नालों की साफ-सफाई और जलभराव रोकने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन मानसून की दस्तक के बाद यह सारे दावे पानी में धुल जाते हैं। सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट में बैठकर प्रशासनिक अधिकारी पूरे की व्यवस्था देखते हैं, लेकिन वहीं पर जलभराव की स्थिति कई सवाल खड़े करता है। जिले के क्या शहर और क्या गांव, सभी जगह पानी भरने की समस्या से लोगों को हर साल परेशानी झेलनी पड़ती है।
बारिश के कारण हुए जलभराव के चलते कलेक्ट्रेट एक तालाब में तब्दील हो गया। जो लोग अधिकारियों से मिलने के लिए आ रहे हैं, वे हाथ में जूता चप्पल लेकर इस जल भराव से गुजरकर अधिकारियों से मिल पाते हैं। अब जिले के हाईटेक शहर का मुख्यालय सोशल मीडिया पर अपने जलभराव के कारण सुर्खियां बटोर रहा है। शहर और देहात में अलग-अलग जगह पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। नोएडा को दादरी से जोड़ने वाली डीएससी रोड पर भी पानी भरा था। जिसके कारण जाम में फंसे लोग को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। पुलिसकर्मियों ने पानी में घुसकर जाम खुलवाया।
बता दें कि नोएडा प्राधिकरण शहर को ने जलभराव से निपटने के लिए नालियों को साफ करने के लिये शहर को 10 जोन में बांटकर नालों की सफाई का दावा किया था इस काम में करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए गये. लेकिन हल्की सी बारिश ने बुधवार को प्राधिकरण के इंतजाम की पोल खोल दी। शहर के कई सेक्टरों और सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी रही। इसके अलावा देहात के गांवों की गलियों में पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।