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हालत यह है कि सफेद कोट डॉक्टरों ( Doctors white coat ) की पहचान बन चुका है। हालांकि, ये सिलसिला आज का नहीं है। यह काफी समय से चला आ रहा है। अब तो शायद इस पहचान को बदलना भी बहुत ही मुश्किल होगा। दरअसल, सफेद रंग को स्वच्छता को प्रतीक माना जाता है। सफेद कोट पर छोटी सी गंदगी साफ़ नजर आ जाती है और ऐसे में ये इस बात का संकेत होता है कि अब इसे बदल लेना चाहिए। इसके अलावा इस रंग को ईमानदारी, पवित्रता और ईश्वरत्व का प्रतिनिधि भी माना जाता है। क्योंकि डॉक्टर के प्रोफेशन में ये सारी चीजें बहुत मायने रखती है। यही वजह है कि डॉक्टर या उनसे जुड़े सारे स्टाफ सफेद रंग का ही कोट इस्तामल करते हैं।
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क्योंकि, डॉक्टरी के पेशे में ईमानदारी और स्वच्छता का काफी महत्व होता है। लिहाजा, डॉक्टरों का सफेद कोट उन्हों इस बात की याद दिलाता है कि उन्हें अपने पेशे में हमेशा ईमानदारी और स्वच्छता का ख्याल रखना है। इसके अलावा सफेद रंग भगवान के साथ सम्बन्ध का भी प्रतीक माना जाता है। इसी कारण डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है, क्योंकि वो इंसानी शरीर को स्वस्थ रखते हैं और लोगों को लम्बी जिंदगी जीने में काफी सहायता करते हैं।
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आशा है कि Knowledge Patrika का डॉक्टरों के सफेद कोट पहनने की पीछे छिपी जानकारी आपको पसंद आयी होगी और यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।