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साध्वी प्राची के बयान पर देवबंदी उलेमाआें ने किया पलटवारबिल्डर्स बायर्स के बीच चल रहे संघर्ष को विराम देने के लिए मुख्यमंत्री ने तीन मंत्रियों सुरेश खन्ना, सुरेश राणा व औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को लेकर की एक समिति बनाई थी। यह समिति गत दो माह से बिल्डर बायर्स व प्राधिकरण अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। साथ ही समय-समय पर बैठक आयोजित की जाती रही है। गुरुवार को भी इसी मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें तीनों प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में बिल्डर व प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप काम करें। 12 दिसंबर तक 50 हजार बायर्स के लिए फ्लैटों का इंतजाम करें। उन्हें उनका हक दिलाए। सख्ती बरतते हुए बिल्डर लाबी को फटकार भी लगाई गई। इस दौरान बिल्डरों के जीरो पीरियड की मांग को खारिज कर दिया गया। पहले चरण में मिलेंगे 20 हजार फ्लैट
प्रेस वार्ता के दौरान बताया गया कि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब तक 3755 बायर्स को फ्लैट मिल चुके हैं। जबकि 30 हजार फ्लैटों का आकड़ा गुरुवार को बिल्डर द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान सुपरटेक, गुलशन, इन्यूजन होम्स, सन वर्ल्ड, आईटी काउंटी, निराला, गौड संस समैत करीब एक दर्जन से ज्यादा बिल्डरों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके तहत पहले चरण में कुल 20 हजार फ्लैट आगामी एक से दो माह में बायर्स को मिल जाएंगे। जबकि बाकी के फ्लैट दो माह में। समिति ने स्पष्ट कहा है कि हम बायर्स की समस्या को लेकर ही यहां आए हैं। इसको लेकर नोएडा व ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण अधिकारी बिल्डर के साथ पहले भी बैठक हो चुकी है।
10 दिन में सौंपे नगरीय विकास की रिपोर्ट बैठक के दौरान शहरवासियों को म्यूनिसिपल व यातायात समस्या से निजात दिलाने के लिए दो कमेटी का गठन किया गया। पहली कमेटी म्यूनिसिपल समस्याओं के हल के लिए मेरठ मंडलायुक्त डॉक्टर प्रभात कुमार व दूसरी पार्किंग व यातायात व्यवस्था को लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन की अगुवाई में बनाई गई है। इन दोनों अधिकारियों को 10 दिन के अंदर व्यवस्थाओं पर की रिपोर्ट देनी होगी।
आम्रपाली मामले में शासन में जारी वार्ता
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एनसीएलटी द्वारा आम्रपाली को दीवालिया घोशित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको लेकर बायर्स में हड़कंप का महौल है। प्रेस वार्ता के दौरान समिति ने बताया कि क्रेडाई इस मामले में हस्तक्षेप कर रही है। वह को-डेवलपेर का इंतजाम कर रही है। इसके लिए करीब 200 करोड़ रुपए एकत्रित किए जा रहे है। इसको लेकर शासन स्तर पर बातचीत का दौर जारी है।